उमेश पाल की हत्या की साजिश रचने और मुखबिरी करने के आरोपित अधिवक्ता विजय मिश्र को भी अतीक ने एक आईफोन दिया था। उसी के फेसटाइम एप से अतीक और अशरफ जेल से बात करते थे। पुलिस अब आरोपी अधिवक्ता विजय मिश्र को कस्टडी रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है। अधिवक्ता से आईफोन की बरामदगी की जाएगी। उसकी चैट हिस्ट्री से पुलिस को कई राज पता चलेंगे।पुलिस के मुताबिक, उमेश पाल की हत्या से पहले साजिश के दौरान अतीक और अशरफ ने अपने गुर्गों को आईफोन मुहैया कराए थे। अतीक के बेटों ने आईफोन पर फेसटाइम एप की आईडी बनाई थी। अतीक के बेटे असद के अलावा अन्य शूटरों व मददगारों को आईफोन दिए गए थे। एक आईफोन अतीक के अधिवक्ता खान सौलत हनीफ को भी मिला था। बीते दिनों पुलिस ने खान सौलत हनीफ को पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेकर आईफोन की बरामदगी की थी। उस आईफोन की चैट से पुलिस को कई राज पता चले थे। करोड़ों रुपये लेनदेन की बात सामने आई थी। खान ने ही बयान दिया था कि कचहरी के अधिवक्ता विजय मिश्र को भी आईफोन दिया गया था। उसी ने 24 फरवरी को उमेश पाल के कचहरी से निकलते ही मुखबिरी की थी। अब पुलिस विजय का आईफोन बरामदगी के लिए प्रयास कर रही है।

तीन करोड़ की रंगदारी मामले में बनेगा रिमांड

अतीक की हत्या के दो दिन बाद ही अधिवक्ता विजय मिश्र पर व्यापारी को कॉल करके तीन करोड़ की रंगदारी मांगने का आरोप है। दरियाबाद निवासी प्लाईवुड व्यापारी सईद अहमद ने मई 2023 में अधिवक्ता विजय के खिलाफ तीन करोड़ रुपये रंगदारी मांगने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। व्यापारी ने पुलिस को आडियो रिकार्डिंग भी मुहैया कराई थी। इस केस की पुलिस जांच कर रही है। विजय के लखनऊ में पकड़े जाने के बाद भी इस मुकदमे में अभी आरोपित नहीं किया गया है। पुलिस अब रंगदारी के केस में भी जेल में बंद अधिवक्ता विजय मिश्र का रिमांड बनवाएगी।(एएमएपी)