जानकारी के मुताबिक, पुलिस को पुख्ता सूचना मिली थी कि शाइस्ता प्रयागराज के हटुआ इलाके में है। सूत्रों ने कहा कि उसे अतीक के भाई अशरफ अहमद के ससुराल के पास देखा गया था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक जब एसटीएफ की टीम वहां छापेमारी करने पहुंची तो बुर्का पहनी महिलाओं ने टीम को घेर लिया। पुलिस आगे नहीं बढ़ पाई और इसका फायदा उठाकर शाइस्ता परवीन भाग गई।
मस्जिद से ऐलान
सूत्रों के मुताबिक जब लोगों को सूचना मिली कि एसटीएफ की टीम छापेमारी करने आ रही है तो स्थानीय मस्जिद से अनाउंसमेंट कर महिलाओं को घर छोड़कर सड़क पर जमा होने के लिए कहा गया। इस भीड़ का फायदा उठाकर शाइस्ता भाग गई।

किसने की शाइस्ता परवीन की मदद?
इससे पहले यूपी पुलिस ने नैनी जेल जाकर अतीक के वकील खान सौलत हनीफ से पूछताछ की, जो गैंगस्टर का बड़ा विश्वासपात्र है और उमेश पाल के अपहरण मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा है। हनीफ के इनपुट के आधार पर पुलिस को पता चला कि उमेश पाल की हत्या से पहले शाइस्ता परवीन ‘लेडी डॉन’ मुंडी पासी से मिली थी।
सर्च लिस्ट में मुंडी पासी का नाम
पुलिस सूत्रों का कहना है कि कई आपराधिक मामलों में खुद जमानत पर बाहर चल रही मुंडी पासी शाइस्ता परवीन के भागने में मदद कर रही है और उसे खुफिया जानकारी मुहैया करा रही है। पुलिस कौशांबी बॉर्डर के पास मुंडी पासी और अतीक के गनर एहतेशाम की तलाश कर रही है।शाइस्ता परवीन के साथ अशरफ की पत्नी जैनब और बहन आयशा नूरी भी फरार हैं।
क्यों फरार है शाइस्ता?
पुलिस को शाइस्ता परवीन के कुछ और मददगारों के नाम भी पता चले हैं। इनमें से एक गुड्डू मुस्लिम का सहयोगी आसिफ उर्फ मल्ली है, जो उमेश पाल हत्याकांड में शामिल था। शाइस्ता परवीन 2005 के बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या के मामले में आरोपी बनाए जाने के बाद से फरार है।(एएमएपी)



