नाम न देने की शर्त पर तमाम लोगों ने बताया कि इन हरी सब्जियों में प्रतिबंधित जिब्रेलिक एसिड अल्कोहल व आक्सीटोसिन का धड़ल्ले से प्रयोग किसान करते हैं ताकि कुछ ही घंटे में सब्जियों की ग्रोथ हो सके। सब्जी मंडियों में सेहत खराब करने वाली सब्जियां बेचकर लोगों को गंभीर बीमारी भी सौगात में दी जा रही है।
जिला सरकारी अस्पताल के सीनियर फिजीशिन डॉ. आरएस प्रजापति ने बताया कि केमिकल और इंजेक्शन वाली सब्जियों के खाने से दमा अल्सर समेत अन्य कई बीमारी की जद में लोग आ रहे है। लीवर और किडनी में भी ये सब्जियां असर डालती हैं। उन्होंने बताया कि अस्पताल में तमाम मरीज इन्हीं बीमारी से पीड़ित होकर आते है। जिन्हें केमिकल और इंजेक्शन से तैयार होने वाली सब्जियों को खाने से बचने की सलाह दी जा रही है।
इंजेक्शन से कुछ ही घंटे में लौकी होती है तैयार
सब्जियों के कारोबार से जुड़े लोगों ने बताया कि सब्जी मंडी में प्रतिदिन बड़ी मात्रा में लौकी और कद्दू के अलावा अन्य सब्जियां आती हैं। ये लौकी प्रतिबंधित इंजेक्शन और केमिकल के कारण वजन में तीन गुना हो जाती है। छोटे कद्दू को भी केमिकल और इंजेक्शन के कारण पांच किलो वजन तक हो जाता है। सब्जी कारोबारी मानते हैं कि ये सब्जी सेहत खराब करने वाली हैं लेकिन उन्हें भी सब्जी खरीदना पड़ता है। आयुर्वेद डॉक्टरों का कहना है कि ऐसी सब्जी असाध्य बीमारी का कारण बनती है। लिहाजा लोगों को इसके सेवन से बचना चाहिए। उन्होंने बताया कि बुन्देलखंड व आसपास के इलाकों में यहीं सब्जियां सीधे रसोई पहुंचती है जिससे हर घर में कोई न कोई बीमार रहता है।
दमा, कैंसर, चर्म बीमारी मिल रही सौगात में
महिलाओं का कहना है कि बाजार से लौकी, तरोई, परवल व शिमला मिर्च आदि खरीदकर लाने के बाद ये अगले ही दिन खराब हो जाती है। लौकी काटने पर अंदर से लाल रंग दिखता है। महिलाओं ने बताया कि कई दशक पहले सब्जी कई दिनों तक खराब नहीं होती थी लेकिन अब बारह घंटे के अंदर ही सब्जियों की हालत खराब हो जाती है। यहीं हाल सेब और अन्य फलों का है जो कुछ ही घंटे में खराब हो जाते हैं। हमीरपुर के ए.सीएमओ डॉ. रामऔतार ने बताया कि केमिकल और इंजेक्शन से तैयार होने वाली सब्जियां खाने से लोग गंभीर बीमारी की जद में आ रहे है। उन्होंने बताया कि दमा, चर्म रोग व पेट सम्बन्धी बीमारी की शिकायतें इसीलिए ज्यादा लोगों में हैं।(एएमएपी)