योगी के स्पष्ट निर्देश हैं कि अयोध्या में चार प्रमुख मार्ग- राम पथ, भक्ति पथ, जन्मभूमि पथ व धर्म पथ को आकर्षक ढंग से पुष्पों से सजाया जाए। इस दौरान फुटपाथ पर सुंदर फूलों वाले गमलों से साज-सज्जा की जाए। साथ ही राम पथ के फुटपाथ व मुख्य कैरेज-वे के बीच में आकर्षक रेलिंग लगाई जाएं। चारों प्रमुख मार्गों पर लाइट एवं फसाड के कार्य एक हफ्ते में ही पूरे कर लिए जाएं। इसमें पीडब्लूडी, राजकीय निर्माण निगम, विकास प्राधिकरण और अयोध्या नगर निगम के बीच बेहतर समन्वय स्थापित होना चाहिए। अयोध्या विश्वस्तरीय पर्यटन सिटी के रूप में नजर आनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से निर्देशित किया है कि प्रधानमंत्री के आगामी अयोध्या दौरे को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के ग्रैंड रिहर्सल के रूप में आयोजित किया जाए। हाई-वे से नयाघाट की तरफ आ रहे धर्म पथ की भी सजावट आकर्षक होनी चाहिए और एयरपोर्ट से नयाघाट के मार्ग को उसी प्रकार आकर्षक फूलों से सजाया जाय जिस प्रकार सुलतानपुर रोड से एयरपोर्ट फोरलेन मार्ग को सजाया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि राष्ट्रीय राजमार्ग लखनऊ-गोरखपुर में अयोध्या बाईपास की रेलिंग को आकर्षक रंगों से पेंट किया जाय तथा उसकी मीडियन में आकर्षक फूल व गमले आदि रखे जाएं। एनएचआई बाईपास मार्ग के डिवाइडर पर जो सजावट की जा रही है, उनमें बेहतर शाइनिंग दिखनी चाहिए। अयोध्या में कहीं भी सड़कों पर धूल तथा गंदगी नहीं दिखनी चाहिए। अयोध्या में प्रधानमंत्री का स्वागत पुष्पवर्षा करके किया जाए। अयोध्या एयरपोर्ट से लेकर शहर के अन्य विभिन्न स्थानों पर गेट बनाये जाएं तथा उन्हें बेहतर ढंग से सजाने की व्यवस्था की जाए।
संवैधानिक पद का अपमान करना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण, अपनी बात कहने के और भी रास्ते
रामोत्सव-2024 की तैयारी में जुटी योगी सरकार इस एक माह में न सिर्फ अयोध्या को बल्कि पूरे प्रदेश को राममय बनाने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रही है। अयोध्या में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के मद्देनजर मुख्यमंत्री के निर्देश पर विभिन्न रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। सरकार भारत के इतिहास में अबतक के इस सबसे बड़े ग्रैंड इवेंट के लिए 100 करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर रही है। माना जा रहा है कि 30 दिसंबर से अयोध्या में उत्सवों की शुरुआत हो जाएगी। यही नहीं प्रदेश के सभी जिलों में विभिन्न सांस्कृतिक आयोजन भी होंगे। भजन-कीर्तन, रामकथा, प्रवचन और रामलीलाओं के मंचन के साथ ही अन्य भक्तिमय सांस्कृतिक प्रस्तुतियां होंगी। इस एक माह में देश के प्रख्यात कथावाचक और सुप्रसिद्ध गायकों को अयोध्या में अपनी प्रस्तुति देने का अवसर भी मिलेगा।(एएमएपी)