आपका अखबार ब्यूरो।

‘अयोध्या पर्व 2025’ का आयोजन कला, अध्यात्म और भारतीय जीवनमूल्यों के नवसंचार का एक अनूठा प्रयास है, जो आईजीएनसीए और श्री अयोध्या न्यास के सौजन्य से राजधानी में साकार हो रहा है। यह पर्व भारतीयता की उन जड़ों को पुनः जीवंत करेगा, जो रामायण और तुलसीदास की वाणी से पोषित हैं।

भारतीय संस्कृति, कला और आस्था के केन्द्र अयोध्या की गौरवगाथा को समर्पित और देश के महत्त्वपूर्ण सांस्कृतिक उत्सवों में से एक ‘अयोध्या पर्व 2025’ का आयोजन 11 से 13 अप्रैल तक इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र (आईजीएनसीए), जनपथ, नई दिल्ली में किया जा रहा है। यह तीन दिवसीय सांस्कृतिक महोत्सव श्रद्धा, शास्त्रीयता और संवाद का संगम होगा, जिसमें देशभर के साधु-संत, सांस्कृतिक मनीषी, राजनेता, विद्वान, और कलाकार एक साथ जुटेंगे।

अयोध्या पर्व का शुभारम्भ 11 अप्रैल को अपराह्न 3 बजे प्रदर्शनी के उद्घाटन के साथ होगा। इस अवसर पर ‘मर्यादा पुरुषोत्तम’ पर आधारित प्रख्यात चित्रकार पद्मश्री वासुदेव कामत की चित्र प्रदर्शनी का उद्घाटन किया जाएगा। इसके साथ ही, वाल्मीकि रामायण पर आधारित पहाड़ी लघुचित्रों की प्रदर्शनी ‘सुंदरकांड’ तथा ‘बड़ी है अयोध्या’ शीर्षक से चौरासी कोसी अयोध्या की तीर्थ-परंपरा पर केंद्रित चित्रावली भी दर्शकों के लिए आकर्षण का केन्द्र होंगी।

You can attend Ayodhya Parv from Feb 28 to Mar 1 in Delhi | TimesTravel

प्रदर्शनी के उद्घाटन के बाद एक विशेष संवाद सत्र आयोजित किया जाएगा, जिसमें मणिरामदास छावनी के महंत श्री कमल नयन दास, गीता मनीषी महामंडलेश्वर पूज्य ज्ञानानंद जी महाराज, केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल श्री मनोज सिन्हा, आईजीएनसीए के अध्यक्ष श्री राम बहादुर राय, श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री श्री चंपत राय तथा चित्रकार श्री वासुदेव कामत विचार साझा करेंगे। संध्या 6 बजे से आरंभ होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम में मृदंग वादन और भजन गायन की प्रस्तुतियां होंगी।

पर्व के दूसरे दिन, 12 अप्रैल को पूर्वाह्न 11 बजे ‘भारतीय समाज में मंदिर प्रबंधन’ विषय पर एक संगोष्ठी आयोजित की जाएगी, जिसमें अयोध्या के प्रमुख संत-महंतों के साथ प्रशासनिक और सांस्कृतिक विशेषज्ञों का संवाद होगा। इसी दिन अपराह्न 3 बजे ‘भारतीय संस्कृति के नवाचार में गोस्वामी तुलसीदास जी का योगदान’ विषय पर एक संगोष्ठी होगी। दोनों सत्रों में देशभर के विद्वान वक्ता अपने विचार प्रस्तुत करेंगे। सांस्कृतिक संध्या में एकल तबला वादन के साथ ऋचा त्रिपाठी व सहयोगी कलाकारों द्वारा कथक एवं भरतनाट्यम की प्रस्तुति दी जाएगी।

13 अप्रैल को पर्व का अंतिम दिन भी ज्ञान और कला से परिपूर्ण रहेगा। पूर्वाह्न 11 बजे ‘कुबेरनाथ राय के निबंधों में श्रीराम’ विषय पर संगोष्ठी में हिंदी साहित्य के विद्वान भाग लेंगे। इसके पश्चात समापन समारोह में श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष पूज्य गोविंद देव गिरि जी महाराज, मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, आईजीएनसीए के अध्यक्ष श्री राम बहादुर राय, आईजीएनसीए के डीन (प्रशासन) एवं कला निधि प्रभाग के प्रमुख प्रो. रमेश चंद्र गौड़ और सुप्रसिद्ध कलाकार श्री सुनील विश्वकर्मा की उपस्थिति रहेगी। इसके बाद फौजदार सिंह और साथी कलाकार आल्हा गायन तथा लोकगायिका विजया भारती लोकगीतों की प्रस्तुति देंगी।

आईजीएनसीए और श्री अयोध्या न्यास इस अद्वितीय आयोजन में आस्था, संस्कृति, कला और संवाद का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा।