आर्टिफिशियल चट्टान पर बनाया गया मंदिर, 50 एकड़ भूभाग पर लगाए गए पेड़-पौधे
रामभक्तों के लिए 22 जनवरी बहुत बड़ा दिन है। इस दिन अयोध्या में राम मंदिर का पूरे रीतिरिवाज और मंत्र-पूजन के बीच भगवान श्रीराम की मूर्ति की गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। उसके बाद से मंदिर में नियमित तौर पर उनकी रोजाना पूजा अर्चना और दर्शन का काम शुरू हो जाएगा। श्रीराम जन्मभूमि पर बन रहा मंदिर कई मामलों में अद्भुत होगा। इसे न सिर्फ आर्टिफिशियल चट्टान पर बनाया जा रहा है, बल्कि मंदिर के लिए मिले करीब 70 एकड़ जमीन में से 50 एकड़ भूभाग पर पेड़-पौधे लगाए जाएंगे। खाली परिसर को 600 पेड़-पौधों से हरा भरा किया जाएगा।
Awaited for centuries, it has finally arrived!
‘Pran Pratishtha’ of Ram Lalla will take place at the newly constructed Ram Mandir in Ayodhya on 22 January 2024.#Ram #RamMandir #RamJanmabhoomiMandir #Ayodhya pic.twitter.com/qs4cR860Ix
— DD News (@DDNewslive) December 27, 2023
नींव खड़ी करना बड़ी चुनौती थी
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महामंत्री चम्पत राय ने मंगलवार को तीर्थ भवन में पत्रकार वार्ता में बताया कि मंदिर निर्माण के शुरुआती दौर में नींव खड़ा करने के लिए जमीन नहीं मिल रही थी। खुदाई वाले स्थान पर केवल बालू था और इस पर नींव खड़ी करना चुनौती था, लेकिन देश के अनेक आईआईटी का सहयोग मिलने के बाद इसके निर्माण की राह आसान हुई। मंदिर की नींव को नमी से बचाने की कोशिशों पर भी गौर किया गया। अंततः ग्रेनाइड का इस्तेमाल कर 14 मीटर मोटा आर्टिफिशियल चट्टान (रॉक) तैयार हुआ और तब निर्माण कार्य शुरू हो सका। इस कार्य में सिर्फ 2.50 प्रतिशत सीमेंट का उपयोग हुआ है। कंक्रीट और मोरंग बालू का उपयोग न के बराबर हुआ है।

आर्टिफिशियल चट्टान तैयार करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। नींव के लिए हो रही खुदाई में पहले 14 मीटर गहराई तक बालू हटाया गया। वजह, जमीन के नीचे मिट्टी थी ही नहीं। फिर, इसे स्टोन डस्ट और कोयले की राख से भरा गया। इसमें सीमेंट का महज 2.5 प्रतिशत ही उपयोग हुआ है। भराई का यह कार्य 64 लेयर में पूरा हुआ है। जमीन से पानी निकालकर नमी कम करते हुए हर लेयर को रोलर से दबाया गया है।
#WATCH | Ayodhya, UP: Visuals from Ram temple construction site as preparations are underway ahead of the consecration ceremony of Ram Temple pic.twitter.com/y4ZBQjRgST
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) December 27, 2023
परकोटे के निर्माण की खास विशेषता
गोवा से आये एक वालंटियर के रूप में मंदिर निर्माण कार्य से जुड़े इंजीनियर गिरीश सहस्र भोजनी ने बताया कि मंदिर निर्माण में 14 फिट चौड़े परकोटे का निर्माण इसकी विशेषताओं में से एक है। इसके चारों दिशाओं की कुल लंबाई 800 मीटर होगी। यह अपने आपमें अद्भुत है। इसके चारों किनारों पर बनने वाले चार मंदिर इसे द्रविण शैली का लुक देंगे। डबल स्टोरी में बनने वाले इस परकोटे के निचले हिस्से में सीसी टीवी कैमरे, पूजा सामग्री और अन्य सामान रखे जाने की व्यवस्था होगी तो ऊपरी हिस्से का उपयोग परिक्रमा मार्ग के रूप में किया जाएगा। इस परकोटा के ऊपरी हिस्से पर बनने वाले 6 मंदिर, आदि शंकराचार्य के पंचायतन कान्सेप्ट की गवाही देंगे।
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न्यास ने मंदिर क्षेत्र में होने वाले जल के उपयोग का भार नगर निगम पर न पड़े इसका पूरा ख्याल रखा है। सीवरेज सिस्टम को यह बहुत ही मजबूत रखेगा। सीवर के पानी को साफ कर फिर से उपयोगी बनाने के लिए ट्रीटमेंट प्लांट तो लगेगा ही, दो वाटर प्लांट और एक पावर हॉउस की स्थापना भी की जाएगी। सड़क के किनारे वाले क्षेत्र में ही वाटर ग्राउंड रिजर्व स्थापित करने का कार्य भी होगा।
श्रद्धालुओं के लिए स्वच्छ पेयजल की भी व्यवस्था
महामंत्री चम्पत राय के मुताबिक यहां आने वाले तीर्थ यात्रियों की प्यास मिटाने और उनके स्वास्थ के अनुकूल रहने का पूरा प्रबंध रहेगा। सभी दर्शानार्थियों को पीने का स्वच्छ जल मुहैया कराने के लिए 400 फिट अंदर का भूजल 24 घंटे विभिन्न प्वाइंट्स पर उपलब्ध रहेंगे। जनरेटर की भी व्यवस्था की जाएगी। तकनीकी युग में तकनीकी से लैस दर्शनार्थियों के लिए चार्जिंग प्वाइंट्स भी स्थापित होंगे। 380 फुट लंबे और 250 फुट चौड़े श्रीराम मंदिर परिसर में आने वालों को मोबाइल, लैपटॉप आदि इंस्ट्रूमेंट चार्ज करने में भी कोई दिक्कत नहीं होगी। अनेक स्थानों पर आसानी से चार्जिंग प्वाइंट्स मिलेंगे।(एएमएपी)



