कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता रहे और डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद ने अपनी किताब ‘आजाद’ में की खुलासे किए हैं। उन्होंने अमस के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और कांग्रेस पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के संबंध पर भी बात की है। अपनी किताब में उन्होंने उस दिन की घटना का भी जिक्र किया है जिस दिन सरमा की विदाई की पटकथा दिल्ली में लिखी गई।
गुलाम नबी आजाद ने अपनी किताब में लिखा, “असम जाने से एक शाम पहले राहुल गांधी ने मुझे असम की यात्रा रद्द करने के लिए फोन किया। उन्होंने मुझे अगली सुबह अपने घर आने के लिए कहा। असम के प्रभारी महासचिव को भी साथ लाने के लिए कहा। जब हम अगली सुबह राहुल गांधी के आवास पर पहुंचे तो हमने तरुण गोगोई और उनके बेटे गौरव गोगोई को उनके साथ बैठे देखा। राहुल ने हमें दो टूक कह दिया कि नेतृत्व में कोई बदलाव नहीं होगा।”
आजाद ने आगे कहा है कि हमने राहुल को बताया कि हिमंत बिस्वा सरमा के पास बहुमत वाले विधायकों का समर्थन है जो बगावत करेंगे और पार्टी छोड़ देंगे। इसपर राहुल ने कहा, ”उसे जाने दो।”
आजाद आगे लिखते हैं, ”राहुल गांधी के साथ हमारी बातचीत के बाद मैं सोनिया गांधी से मिला। उन्हें असम की सियासी घटना में आए नए मोड़ से अवगत कराया। इससे होने वाले नुकसान के बारे में जानते हुए भी सोनिया गांधी ने अध्यक्ष की अपनी भूमिका नहीं निभाई। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।”(एएमएपी)



