मलिक असगर हाशमी।
भारत के एयर स्ट्राइक से पाकिस्तानी सेना अध्यक्ष के दहशतजदा होने एवं आक्रमण के भय से भारतीय विंग कमांडर अभिनंदन को बिना शर्त छोड़ने का खुलासा करने वाले सांसद अयाज सादिक़ की घेराबंदी शुरू हो गई। इमरान खान सरकार, सियासतदानों का एक दल एवं सेना इस बात से बेहद खफा है कि उन्होंने संसद के फ्लोर से ऐसी बातें क्यों कीं? यानी राज को राज रहने देते! मगर अयाज सादिक़ ने राज को दुनिया के सामने रख दिया। ऐसे में उनके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा ठोंकने का पूरा इंतजाम कर लिया गया है।
अयाज सादिक़ पाकिस्तान नेशनल एसेंबली के स्पीकर रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री मियाँ नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन के वरिष्ठ नेता के साथ लाहौर से सांसद भी हैं। गत दिनों उन्होंने कौमी एसेंबली यानी राष्ट्रीय संसद में पुलवामा के आतंकवादी हमले में भारतीय सेना के 20 जवानों के शहीद होने पर भारत के एयर स्ट्राइक को लेकर एक बयान दिया था। एयर स्ट्राइक के बाद ही पाकिस्तानी सेना के जंगी हवाई जहाज ने भारत की सीमा लांघने की कोशिश की थी। मगर भारतीय वायु सेना ने मुंहतोड़ जवाब देते हुए उन्हें खदेड़ दिया था। इस क्रम में भारतीय वायु सेना का एक जहाज दुर्घटनाग्रस्त होने से विंग कमांडर अभिनंदन को पाकिस्तान की सीमा में लैड करना पड़ा था। इस पर सांसद अयाज सादिक़ ने पाकिस्तान की संसद में स्वीकारा कि अभिनंदन के पाकिस्तान के कब्जे में होने से प्रधानमंत्री इमरान खान को भारत के हमले का अंदेशा सताने लगा था। उनके दावे के अनुसार, पाकिस्तान सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा बेहद घबरा गए थे। उन्होंने खुद उनसे भारत के हमले का डर जताया था। भय से उनके पैर कांप रहे थे। उनका संसद में यह कबूलनामा देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
अयाज का खुलासा, कांग्रेस पर तमाचा
दूसरी तरफ उनके खुलासा से स्पष्ट है कि पाकिस्तान की भारत से मुतल्लिक दावे गीदड़भभकी के सिवाए कुछ नहीं। सोशल मीडिया पर वीडियो के वायरल होने से भारत सहित विभिन्न देशों की मीडिया में पाकिस्तान की हैसियत की खिल्ली उड़ाई जा रही है। हालांकि अयाज सादिक़ के बयान से पैदा शर्मिंदगी पर पर्दा डालने के चक्कर में इमरान खान मंत्रिमंडल के सीनियर सदस्य फौव्वाद चौधरी ने एक और बड़ा खुलासा कर दिया। उन्होंने सदन में माना कि पुलवामा की घटना पाकिस्तान की कारस्तानी थी। उनके मुताबिक, ‘पाकिस्तान ने पुलवामा में भारत को घुस के मारा, जिसे पूरी दुनिया ने देखा।’ उनके इस बयान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिक्रिया है कि जो लोग पुलमावा एवं एयर स्ट्राइक पर आपत्ति उठा रहे थे, पाकिस्तानी संसद में उनके नेताआं ने स्पष्ट कर दिया कि वास्तविकता क्या थी। मोदी का इशारा कांग्रेस की ओर था। राहुल गांधी हमेशा एयर स्ट्राइक एवं पुलवामा की घटना को आधार बनाकर मोदी सरकार को घेरने की कोशिश करते रहे हैं।
देशद्रोह में कभी भी गिरफ्तारी संभव
बहरहाल, अयाज सादिक़ के बयान को लेकर पाकिस्तान की सियासत में भूचाल आया हुआ है। इसे ‘देशद्रोह’ का जामा पहना के इमरान खान की आईटी सेल पूरे ताकत से लगी है। अयाज सादिक़ के खिलाफ माहौल तैयार बनाया जा रहा है। उन्हें देशद्रोही बताने वाले पोस्टर रातों रात पाकिस्तान की सड़कों पर लगा दिए गए। इस मुद्दे पर, कल तक इमरान सरकार के खिलाफ एकजुट 11 विपक्षी दलों का गठबंधन ‘पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट’ भी बैकफुट पर है। मियां नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तानी मुस्लिम लीग-एन के एक धड़े ने अयाज सादिक़ के बयान से किनारा कर लिया है।
पाक मीडिया में भी उनकी आलोचना करने है। उन्हें देशद्रोही बताया जा रहा है। हालांकि, बयान पर विवाद होने के चलते अयाज ने सफाई दी है कि उन्होंने सरकार एवं फौज की तैयारियों एवं उनके काम-काज के तरीके पर सवाल उठाने के लिए ऐसे बयान दिए, पर उनकी इस दलील को कोई मानने को तैयार नहीं। ऐसे में उनके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करने का माहौल तैयार लिया गया है। एक-दो दिनों में उनकी गिरफ्तारी की खबर आ सकती है। पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने उनके बयान का खंडन करने के लिए विशेष तौर से प्रेस वार्ता की थी। इस दौरान उन्होंने भी अयाज सादिक़ के बयान को देशद्रोही हरकत साबित करने का प्रयास किया।
इमरान में कार्रवाई का हौसला नहीं
पाकिस्तान के सियासी विश्लेषक भी मानते हैं कि सदन में दिया गया अयाज का बयान अनुचित है। साथ ही वह ये भी कहते हैं कि केंद्रीय मंत्री फौव्वाद चौधरी का बयान भी उसी श्रेणी में आता है। कार्रवाई की जानी है तो दोनों पर हो। राजनीतिक विश्लेषक आदिल शाह जेब कहते हैं, पहले भी इमरान खान के दो मंत्री विवादास्पद बयान देकर पाकिस्तान के लिए मुसीबत खड़ी कर चुके हैं। विदेश मंत्री के बयान से सऊदी अरब इतना खफा हुआ कि उसने पाकिस्तान से अपनी उधारी मांग ली। इसी तरह एक अन्य मंत्री के भड़काऊ बयान से हालात बिगड़ने पर, मामले को निपटाने के लिए सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा को चीन जाना पड़ा। पाकिस्तान के राजनीतिक पत्रकार इब्राहिम रजा आशंका व्यक्त करते हैं कि केवल अयाज के विरूद्ध कार्रवाई देश में सियासी उबाल ला सकती है। कार्रवाई हो तो सब पर हो। उनके मुताबिक, कई रिटायर सेना अधिकारियों ने भी विवादास्पद किताबें लिखी हैं। उन्हें भी नहीं बख्शा जाए। इस मुद्दे पर सेवानिवृत ले. ज. अमजद शोएब की प्रतिक्रिया है कि बेलगाम सियासतदां पर स्थायी लगाम जरूरी है। इसके लिए उनके विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जरूरत है ताकि फिर कोई ऐसी गलती नहीं कर सके। ऐसा नहीं करने से राष्ट्र एवं सेना की रणनीति को नुक्सान पहुँचता रहेगा। हालांकि, इमरान खान की कमजोर हुक़ूमत निकट भविष्य में ऐसा कोई ठोस कदम उठाएगी, उम्मीद कम ही लगती है।
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