डीसीजीआई ने दवाई कंपनियों को जारी की चेतावनी

कफ सिरप से दुनियाभर में 140 से ज्यादा बच्चों की मौत के बाद भारत में सर्दी-ज़ुकाम के लिए छोटे बच्चों को आमतौर पर दिए जाने वाले कुछ सिरप पर बैन लगा दिया गया है। ये दवाएं बच्चों को जुखाम या बुखार पर मिक्स करके सिरप के रूप में दिया जाता है। भारत के दवा नियामक डीसीजीआई ने दवा निर्माताओं को आदेश में यह भी कहा है कि दवाओं के ऊपर चेतावनी लेबल भी होना चाहिए। ताकि पता लगे कि यह दवा 4 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए नहीं है।

कोकाटे समिति की सिफारिश के आधार पर निर्णय

राज्यों के लिखे गए लेटर में कहा गया है, “क्लोरफेनिरामाइन मैलेट आईपी 2एमजी + फिनाइलफ्राइन एचसीआई आईपी 5एमजी ड्रॉप/एमएल की फिक्स डोज कॉम्बिनेश को प्रोफेसर कोकाटे की समिति द्वारा तर्कसंगत घोषित किया गया है और समिति की सिफारिश के आधार पर इस कार्यालय ने 18 महीने के नीतिगत निर्णय के तहत 17 जुलाई 2015 को विषय एफडीसी के निरंतर विनिर्माण और विपणन के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी किया है।”

लेटर में आगे कहा गया है कि शिशुओं के लिए अस्वीकृत एंटी-कोल्ड ड्रग फॉर्मूलेशन को बढ़ावा देने के बाद चिंताएं सामने आ रही हैं। इस मामले पर विचार-विमर्श किया गया था। विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी- पल्मोनरी) की बैठक 6 जून, 2023 को हुई, जिसमें क्लोरफेनिरामाइन मैलेट आईपी 2एमजी + फिनाइलफ्राइन एचसीएल आईपी 5एमजी ड्रॉप/एमएल के एफडीसी के उपयोग के संबंध में मुद्दे के आलोक में समिति के समक्ष चर्चा की गई।

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गौरतलब है कि 2019 में देश के भीतर निर्मित कफ सिरप पीने से कम से कम 12 बच्चों की मौत हो गई थी और चार अन्य विकलांग हो गए थे। कम कीमत वाली इन दवाओं के सेवन से बच्चों की जान को भी खतरा है। ऐसे में केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने दवाओं के नए प्रतिबंध जारी किए। आदेश 18 दिसंबर को जारी किया गया और जबकि बुधवार को सार्वजनिक किया गया।(एएमएपी)