सरकार एवं बैंकिंग क्षेत्र से जुड़े अधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों यानी सरकारी बैंक कर्मचारियों को सैलरी में न केवल 15 प्रतिशत से 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो सकती है, बल्कि दिसंबर के मध्य या अंत तक सप्ताह में पांच दिन काम का इनाम मिल सकता है। वेतन संशोधन और कार्य दिवसों में बदलाव क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों पर भी लागू होगा। बैंक यूनियनों और और भारतीय बैंक संघ के बीच 12वीं द्विपक्षीय समझौता वार्ता अब अंतिम चरण में प्रवेश कर चुकी है।
दरअसल, मीडिया में आ रहीं खबरों के मुताबिक इतिहास में यह पहली बार है कि वेतन वृद्धि के लिए प्रस्ताव शुरू हो रहा है। यह संभवतः 15 प्रतिशत से 20 प्रतिशत के बीच होगी। साथ ही पांच दिवसीय कार्य सप्ताह की घोषणा या तो वेतन वृद्धि अधिसूचना के साथ या उसके तुरंत बाद केंद्र या आईबीए द्वारा की जा सकती है। खबरों के मुताबिक सप्ताह के दिनों में कामकाजी घंटे जल्दी शुरू होंगे और मौजूदा कामकाजी घंटों की तुलना में 30-45 मिनट देर से बंद होंगे। इससे शाखाओं के बंद होने से यात्रा और बिजली के लिए इस्तेमाल होने वाले ईंधन की बचत भी होगी।
बताया जा रहा है कि यह ग्राहकों को होने वाली असुविधा बचत और अन्य कारकों से कहीं अधिक है। कर्मचारियों को परिवार के साथ भी अधिक समय की जरूरत है। पांच-दिवसीय कार्यसप्ताह में वीकेंड पर बैंक ब्रांच बंद रहेंगे। कर्मचारियों को काम के घंटों के नुकसान की भरपाई के लिए सप्ताह के दौरान अतिरिक्त घंटों तक काम करने के लिए कहा जा सकता है।
वीकेंड पर ग्राहक बैंक शाखाओं के बंद रहने की दशा में एटीएम के माध्यम कैश निकाल या ट्रांसफर कर सकते हैं। सूत्रों ने कहा कि पांच दिवसीय कार्य सप्ताह की एकमात्र चुनौती चेक जमा करना है। चेक का कलेक्शन इन दो दिनों तक प्रभावित रहेगा। सूत्रों ने बतया कि बीमा कंपनियों, राज्य सरकारों और केंद्र सरकार के कर्मचारियों के पास पांच दिवसीय कार्य सप्ताह है, लेकिन बैंकरों को भी यह सुविधा देना सही दिशा में एक कदम है
व्यावसायिक बैंकों के समान ग्रामीण बैंकों में फैमली पेंशन बढ़ोतरी लागू करने के लिए नाबार्ड ने सभी 43 ग्रामीण बैंकों के चेयरमैनों को पत्र भेजा है। इसमें प्रदेश के बड़ौदा यूपी बैंक, प्रथमा यूपी बैंक और आर्यावर्त बैंक भी शामिल हैं। इसकी जानकारी देते हुए ज्वाइंट फोरम ऑफ ग्रामीण बैंक यूनियन्स के संयोजक डीएन त्रिवेदी ने बताया कि पहले ग्रामीण बैंकों के कर्मचारियों का वेतन चाहे कितना भी हो, उनकी मृत्यु के बाद आश्रित को वेतन का 15 प्रतिशत ही पारिवारिक पेंशन मिलती थी। इसकी अधिकतम सीमा मात्र 9,284 रुपये थी। अब नए नियम के बाद बैंक के मृत कर्मचारियों के परिवार के लिए मासिक फैमिली पेंशन बढ़ाकर कर्मचारी के आखिरी मूल वेतन का 30 प्रतिशत किया गया है। इस फैसले से मासिक फैमिली पेंशन बढ़कर करीब 35 हजार रुपये तक हो जाएगी।
पांच साल पहले बनी थी सहमति
दरअसल व्यावसायिक बैंको में 01 नवंबर 2017 के प्रभाव से हुए वेतन पुनरीक्षण समझौते के तहत फैमली पेंशन अपडेशन के लिए सहमति हुई थी। जिसे लागू करने के लिए आईबीए द्वारा 05 अक्टूबर 2021 को पत्र जारी कर दिया गया परन्तु इसे ग्रामीण बैंकों में लागू नहीं किया गया। इसके खिलाफ ज्वाइंट फोरम ऑफ ग्रामीण बैंक यूनियन्स के द्वारा दो वर्षो से संघर्ष किया जा रहा था।
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इसके बाद वित्त मंत्रालय के साथ उपमुख्य श्रमायुक्त नई दिल्ली के समक्ष 05 सितंबर 2022 को इसे ग्रामीण बैंकों में भी लागू करने के लिए सहमति बनी। इसके तहत वित्त मंत्रालय ने गत दिनों ग्रामीण बैंकों में फैमली पेंशन अपडेशन के लिए नाबार्ड को निर्देश दिया था। निर्देशानुसार नाबार्ड ने शुक्रवार को फैमली पेंशन में शीघ्र बढ़ोतरी के लिए देशभर में कार्यरत सभी 43 ग्रामीण बैंकों के चेयरमैन को पत्र भेजकर निर्देश जारी कर दिए।(एएमएपी)