खड़े हुए ये 7 सवाल
पलक झपकते ही फायरिंग और चार की मौत
नेता बोले सब काबू में, सुरक्षा में चूक तो हुई!
सवाल नंबर 2- अगर जवानों में फायरिंग तक की नौबत आ गई, तो क्या विवाद लंबे समय से चल रहा था?
सवाल नंबर 3- क्या 2 दिन पहले गार्ड रूम से गायब हुई इंसास राइफल से ही फायरिंग हुई?
सवाल नंबर 4- इंसास राइफल के 28 कारतूस गायब, 19 खाली कारतूस मिले, बाकी 9 कहां हैं?
सवाल नंबर 5- क्या फायरिंग और गायब इंसास राइफल के साथ 28 कारतूस का आपस में कनेक्शन है?
सवाल नंबर 6- क्या सेना के अधिकारियों को मिलिट्री स्टेशन में चल रहे संभावित तनाव की जानकारी थी?
सवाल नंबर 7- अगर हमलावर बाहर से मिलिट्री स्टेशन में दाखिल हुए तो क्या इससे भी बड़ी वारदात हो सकती थी?
मिलिट्री बेस से राइफल कैसे हो गई चोरी?

अब ये सवाल इसलिए क्योंकि कुछ दिन पहले इसी क्षेत्र में कुछ ऐसी घटनाएं हुईं जिन्हें सुरक्षा में बड़ा चूक माना जा रहा है। असल में मिलिट्री स्टेशन पर फायरिंग से कुछ दिन पहले एक इंसास राइफल और 28 राउंड कारतूस गायब हो गए थे। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि इस घटना में उसी राइफल का इस्तेमाल हो सकता है। वैसे जांच के बाद पुलिस ने अभी तक दो अज्ञात लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कर ली है। चश्मदीदों से पता चला है कि दो नकाबपोश आरोपियों ने मिलिट्री बेस में एंट्री की थी। उन आरोपियों की तरफ से फायरिंग भी की गई और कुल्हाड़ी का इस्तेमाल कर जवानों को लहूलुहान भी किया गया। बड़ी बात ये रही कि जब जवान गहरी नींद में सो रहे थे, तब इस हमले को अंजाम दिया गया।
इस हमले के बारे में चश्मदीद देसाई मोहन ने बताया कि उन्होंने दो आरोपियों को गनर्स के रूम से बाहर आते हुए देखा था। वो अपना चेहरा छिपा रहे थे, उन्होंने सफेद रंग का नाइट सूट पहन रखा था। देसाई के मुताबिक उन्हें कुछ गड़बड़ लगी, इसलिए वे तुरंत गनर्स रूम की तरफ भागे, वहां उन्होंने देखा कि चार जवान खून से लथपथ जमीन पर थे।
मिलिट्री बेस पर हमला बड़ी बात, पहले भी भुगत चुका देश
वैसे चिंता का विषय तो ये भी है कि इससे पहले भी मिलिट्री बेस पर हमले हो चुके हैं। ये अलग बात रही कि तब आतंकी कनेक्शन भी सामने आए थे। लेकिन इस बार उस एंगल को ही खारिज किया जा रहा है। पंजाब के पठानकोट में जनवरी 2016 में आतंकी हमला हुआ था। यह हमला जैश ए मोहम्मद ने कराया था। जैश के छह आतंकी पाकिस्तान से भारत की सीमा में घुसे थे। 2 जनवरी को सभी 6 आतंकी असलहा और हथियारों से लैस होकर एयरबेस स्टेशन में दाखिल हुए थे। इन आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी थी। इस हमले में 7 जवान शहीद हो गए थे। जबकि करीब 37 अन्य लोग घायल हुए थे। 65 घंटे चले इस ऑपरेशन में सभी आतंकी मारे गए थे।
इससे पहले पंजाब के गुरदासपुर में जुलाई 2015 में आतंकी हमला हुआ था। आतंकी पाकिस्तान से सीमापार कर गुरदासपुर पहुंचे थे। आतंकियों ने आर्मी यूनिफॉर्म पहनकर पहले जम्मू के कटरा जा रही बस पर फायरिंग की थी। इसके बाद आतंकी दीनानगर पुलिस स्टेशन में घुस गए थे। इस हमले में 12 लोग मारे गए थे। सुरक्षाबलों ने लश्कर के तीनों आतंकियों को ढेर कर दिया था।(एएमएपी)



