बंगाल स्कूल भर्ती घोटाला: सुजय भद्रा की आवाज के नमूने के लिए ईडी ने अस्पताल को लिखा पत्र
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राज्य संचालित एस.एस.के.एम. मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल को पत्र लिखकर पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के स्कूल भर्ती घोटाले के मुख्य आरोपी सुजय कृष्ण भद्र की आवाज का नमूना परीक्षण करने के लिए उचित व्यवस्था करने की मांग की है। इस साल अगस्त में अपनी बाइपास सर्जरी के बाद से भद्रा पिछले दो महीने से वहां भर्ती हैं। हाल ही में, ईडी को भद्रा की आवाज का नमूना परीक्षण करने के लिए धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की एक विशेष अदालत से अनुमति मिली है। अदालत ने मामले में ईडी अधिकारियों को पूरा सहयोग देने का भद्रा को निर्देश दिया है।
डॉक्टरों ने पुष्टि की कि भद्रा मेडिकल परीक्षण कराने के लिए बिल्कुल फिट
सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने हाल ही में एस.एस.के.एम. अस्पताल से भद्रा की नवीनतम मेडिकल रिपोर्ट हासिल की है। उन्होंने एक केंद्रीय अस्पताल की मेडिकल टीम से जुड़े डॉक्टरों से परामर्श किया। सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय अस्पताल के डॉक्टरों ने पुष्टि की कि भद्रा मेडिकल परीक्षण कराने के लिए बिल्कुल फिट हैं। यह पता चला है कि प्रक्रिया के अनुसार, किसी भी आवाज के नमूने के परीक्षण के लिए ध्वनि-रोधी कांच के कमरे की आवश्यकता होती है और परीक्षण एक फोरेंसिक विशेषज्ञ की उपस्थिति में आयोजित किया जाना चाहिए। इसकी व्यवस्था करने के लिए ईडी ने अधिकारियों को लिखा है।
भद्रा की आवाज के नमूने लेकर परीक्षण करने की अनुमति दी
उल्लेखनीय है कि विशेष अदालत ने पहली बार जुलाई में ईडी को भद्रा की आवाज के नमूने लेकर परीक्षण करने की अनुमति दी थी। अनुमति केंद्रीय एजेंसी द्वारा अदालत में एक ऑडियो क्लिप पेश करने के बाद दी गई थी जिसमें भद्रा कथित तौर पर किसी को अपने मोबाइल नंबर से डेटा मिटाने का निर्देश दे रहे थे। हालाँकि, आवाज का नमूना तब नहीं लिया जा सका था क्योंकि भद्रा को सीने की बीमारी की शिकायत के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था जिसके बाद उनकी बाईपास सर्जरी हुई थी। स्कूल भर्ती घोटाले की जांच प्रक्रिया को 31 दिसंबर तक खत्म करने के हाई कोर्ट के निर्देश के बाद आवाज के नमूने की जांच अब जरूरी हो गई है।
1. 2014 में हुआ था शिक्षक भर्ती घोटाला
बंगाल में हुआ यह घोटाला 2014 का है। तब पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन (SSC) ने सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती निकाली। प्रक्रिया 2016 में शुरू हुई थी। उस वक्त पार्थ चटर्जी शिक्षा मंत्री थे। इस मामले में गड़बड़ी की कई शिकायतें कोलकाता हाईकोर्ट में दाखिल हुई थीं। याचिकाकर्ताओं का आरोप था कि जिन कैंडिडेट के नंबर कम थे उन्हें मेरिट लिस्ट में टॉप पर रखा गया। कुछ कैंडिडेट का मेरिट लिस्ट में नाम न होने पर भी उन्हें नौकरी दे दी गई। ऐसे लोगों को भी नौकरी दी गई, जिन्होंने TET परीक्षा भी पास नहीं की थी।
2. पिछले साल मई में कलकत्ता हाईकोर्ट ने CBI को दिया था जांच का आदेश
मई 2022 में कलकत्ता हाईकोर्ट ने CBI को आदेश दिया था कि पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन और पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन की तरफ से 2014 से 2021 के बीच नॉन-टीचिंग स्टाफ और टीचिंग स्टाफ में जो भी अपॉइंटमेंट किए गए हैं, उनकी जांच की जाए। ऐसी खबरें थीं कि उम्मीदवारों ने सिलेक्शन टेस्ट में फेल होने के बाद सिलेक्शन के लिए 5 से 15 लाख रुपए तक की रिश्वत दी थी।
ये घोटाला पार्थ चटर्जी के शिक्षा मंत्री रहने के दौरान हुआ था। जुलाई 2022 में ED ने चटर्जी और उसकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद ममता बनर्जी ने चटर्जी को पद से हटा दिया और पार्टी से भी बर्खास्त कर दिया। शिक्षक भर्ती घोटाला जब हुआ, तब पार्थ चटर्जी (बाएं) शिक्षा मंत्री थे। अर्पिता को पार्थ का बेहद करीबी बताया जाता है। शिक्षक भर्ती घोटाला जब हुआ, तब पार्थ चटर्जी (बाएं) शिक्षा मंत्री थे। अर्पिता को पार्थ का बेहद करीबी बताया जाता है।
3. सितंबर 2022 में CBI ने मामले में पहली चार्जशीट दाखिल की
CBI ने पिछले साल 30 सितंबर को पहली चार्जशीट पेश की थी। इसमें पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी समेत 16 लोगों के नाम थे। पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी तब ED की गिरफ्त में थे। पार्थ 23 जुलाई 2022 से जेल में हैं, उनकी जमानत याचिकाएं खारिज हो चुकी हैं। TMC विधायक और स्टेट प्राइमरी एजुकेशन बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य को ED ने 11 अक्टूबर को गिरफ्तार किया।
जुलाई में ED ने अर्पिता के घर पर दो दिन रेड मारी थी। वहां से करोड़ों रुपए कैश और गहने मिले। कैश गिनने के लिए मशीन मंगानी पड़ी। जुलाई में ED ने अर्पिता के घर पर दो दिन रेड मारी थी। वहां से करोड़ों रुपए कैश और गहने मिले। कैश गिनने के लिए मशीन मंगानी पड़ी। अर्पिता के घर पहली छापेमारी 23 जुलाई और दूसरी छापेमारी 28 जुलाई को की गई थी। पहले दिन 26 घंटे और दूसरे दिन 18 घंटे तक ED की कार्रवाई चली थी। अर्पिता के घर पहली छापेमारी 23 जुलाई और दूसरी छापेमारी 28 जुलाई को की गई थी। पहले दिन 26 घंटे और दूसरे दिन 18 घंटे तक ED की कार्रवाई चली थी।
4. मार्च 2023 में ED ने बताया- 350 करोड़ रुपए से ज्यादा का है यह घोटाला
इस साल मार्च में ED ने TMC के यूथ विंग लीडर शांतनु बनर्जी को हुगली से गिरफ्तार किया था। ED ने 13 मार्च को एक स्पेशल कोर्ट में उसे पेश करते वक्त बताया था कि शिक्षक भर्ती घोटाला फिलहाल 350 करोड़ रुपए का दिखाई दे रहा है, लेकिन ये इससे कहीं ज्यादा बड़ा हो सकता है। इसी समय पूछताछ के दौरान बनर्जी ने कहा था कि इस पूरे घोटाले का मास्टरमाइंड TMC का एक अन्य गिरफ्तार यूथ विंग नेता कुंतल घोष है। वह इस पूरे मामले से लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहा है, ताकि अपना पैसा दूसरे राज्यों में ट्रांसफर कर सके। तस्वीर कुंतल घोष की है, जिसे ED ने शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने ED को घोष की कस्टडी भी दी थी। कुंतल ने आरोप लगाया था कि एजेंसी उस पर अभिषेक बनर्जी का नाम लेने के लिए दबाव बना रही है। तस्वीर कुंतल घोष की है, जिसे ED ने शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने ED को घोष की कस्टडी भी दी थी। कुंतल ने आरोप लगाया था कि एजेंसी उस पर अभिषेक बनर्जी का नाम लेने के लिए दबाव बना रही है।
5. कलकत्ता हाईकोर्ट ने शिक्षकों की भर्ती रद्द करने के आदेश पर रोक लगाई
12 मई 2023 को कलकत्ता हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के जस्टिस अभिजीत गांगुली ने 32 हजार शिक्षकों की भर्ती रद्द करने का आदेश दिया था। जस्टिस गांगुली ने पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ प्रइमरी एजुकेशन को निर्देश दिया था कि तीन महीने के अंदर नई भर्ती प्रक्रिया का आयोजन कराएं। उन्होंने कहा का उम्मीदवारों का इंटरव्यू और एप्टीट्यूड टेस्ट लिया जाए और इसकी वीडियोग्राफी कराई जाए। 19 मई 2023 को कलकत्ता हाईकोर्ट ने इस आदेश पर रोक लगा दी। (एएमएपी)