प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- यह हमारी सरकार का सौभाग्य
#WATCH | Delhi: On the announcement of Bharat Ratna to be conferred upon PV Narasimha Rao, Chaudhary Charan Singh and MS Swaminathan, Congress leader Rajeev Shukla says, “…It’s good that Bharat Ratna is to be conferred upon PV Narasimha Rao who brought the biggest economic… pic.twitter.com/1ogWOYjheQ
— ANI (@ANI) February 9, 2024
लोकतंत्र के लिए चौधरी चरण सिंह की प्रतिबद्धता प्रेरणादायक
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को जानकारी देते हुए कहा कि हमारी सरकार का यह सौभाग्य है कि पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न से सम्मानित किया जा रहा है। यह सम्मान देश के लिए उनके अतुलनीय योगदान को समर्पित है। उन्होंने किसानों के अधिकार और उनके कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हों या देश के गृहमंत्री और यहां तक कि एक विधायक के रूप में भी, उन्होंने हमेशा राष्ट्र निर्माण को गति प्रदान की। वे आपातकाल के विरोध में भी डटकर खड़े रहे। हमारे किसान भाई-बहनों के लिए उनका समर्पण भाव और इमरजेंसी के दौरान लोकतंत्र के लिए उनकी प्रतिबद्धता पूरे देश को प्रेरित करने वाली है।
नरसिम्हा राव का कार्यकाल रहा बहुत महत्वपूर्ण
उन्होंने कहा कि एक प्रतिष्ठित विद्वान और राजनेता के रूप में नरसिम्हा राव ने विभिन्न क्षमताओं में भारत की बड़े पैमाने पर सेवा की। उन्हें आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और कई वर्षों तक संसद और विधानसभा सदस्य के रूप में किए गए कार्यों के लिए समान रूप से याद किया जाता है। उनका दूरदर्शी नेतृत्व भारत को आर्थिक रूप से उन्नत बनाने, देश की समृद्धि और विकास के लिए एक ठोस नींव रखने में सहायक था। प्रधानमंत्री के रूप में नरसिम्हा राव का कार्यकाल महत्वपूर्ण उपायों द्वारा चिह्नित किया गया था जिसने भारत को वैश्विक बाजारों के लिए खोल दिया, जिससे आर्थिक विकास के एक नए युग को बढ़ावा मिला। इसके अलावा भारत की विदेश नीति, भाषा और शिक्षा क्षेत्रों में उनका योगदान एक ऐसे नेता के रूप में उनकी बहुमुखी विरासत को रेखांकित करता है, जिन्होंने न केवल महत्वपूर्ण परिवर्तनों के माध्यम से भारत को आगे बढ़ाया बल्कि इसकी सांस्कृतिक और बौद्धिक विरासत को भी समृद्ध किया।
It is a matter of immense joy that the Government of India is conferring the Bharat Ratna on Dr. MS Swaminathan Ji, in recognition of his monumental contributions to our nation in agriculture and farmers’ welfare. He played a pivotal role in helping India achieve self-reliance in… pic.twitter.com/OyxFxPeQjZ
— Narendra Modi (@narendramodi) February 9, 2024
भारत को कृषि में आत्मनिर्भरता बनाने में डॉ. स्वामीनाथन की भूमिका भूमिका
डॉ. स्वामीनाथन के बारे में घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने चुनौतीपूर्ण समय के दौरान भारत को कृषि में आत्मनिर्भरता हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और भारतीय कृषि को आधुनिक बनाने की दिशा में उत्कृष्ट प्रयास किए। हम एक अन्वेषक और संरक्षक के रूप में और कई छात्रों के बीच सीखने और अनुसंधान को प्रोत्साहित करने वाले उनके अमूल्य काम को भी पहचानते हैं। डॉ. स्वामीनाथन के दूरदर्शी नेतृत्व ने न केवल भारतीय कृषि को बदल दिया है बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा और समृद्धि भी सुनिश्चित की है। वह ऐसे व्यक्ति थे जिन्हें वे स्वयं करीब से जानते थे और हमेशा उनकी अंतर्दृष्टि और इनपुट को महत्व देते थे।
Today marks a historic moment as Bharat Ratna, India’s highest civilian honour, is conferred to former PMs Chaudhary Charan Singh & PV Narasimha Rao, and agricultural scientist Dr. MS Swaminathan, for their monumental contributions to India’s progress.#BharatRatna pic.twitter.com/IkrViuXvI8
— MyGovIndia (@mygovindia) February 9, 2024
10 साल में छठी हस्ती, जिसे मिलेगा सम्मान
मोदी सरकार के करीब 10 साल के कार्यकाल में अब तक 10 हस्तियों को सर्वोच्च सम्मान दिया जा चुका है, जिसमें इस साल कर्पूरी ठाकुर समेत पांच नामों का एलान किया गया है। दिवंगत प्रणब मुखर्जी, भूपेन हजारिका और नानाजी देशमुख से पहले मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में साल 2015 में पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी और पंडित मदन मोहन मालवीय को यह सर्वोच्च सम्मान दिया गया था। इसके चार साल बाद बीते लोकसभा चुनाव के कुछ महीने बाद तीन हस्तियों को सर्वोच्च सम्मान देने की घोषणा की गई थी।
आइए जानते हैं इन तीन महान हस्तियों के बारे में….
1. चौधरी चरण सिंह
चौधरी चरण सिंह भारत के पांचवें प्रधानमंत्री थे। उनका जन्म हापुड़ के नूरपुर गांव में 23 दिसंबर 1902 को हुआ था। 85 वर्ष की आयु में उनका निधन 29 मई 1987 को हुआ था। देश के पांचवें प्रधानमंत्री के तौर पर 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 चौधरी चरण सिंह ने अपनी सेवाएं दीं। उत्तर प्रदेश में भूमि सुधार का पूरा श्रेय उन्हें जाता है। ग्रामीण देनदारों को राहत प्रदान करने वाला विभागीय ऋणमुक्ति विधेयक, 1939 को तैयार करने एवं इसे अंतिम रूप देने में उनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका थी। उनके द्वारा की गई पहल का ही परिणाम था कि उत्तर प्रदेश में मंत्रियों के वेतन औऱ उन्हें मिलने वाले अन्य लाभों को काफी कम कर दिया गया था। मुख्यमंत्री के रूप में जोत अधिनियम, 1960 को लाने में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। यह अधिनियम जमीन रखने की अधिकतम सीमा को कम करने के उद्देश्य से लाया गया था ताकि राज्य भर में इसे एक समान बनाया जा सके।
#BharatRatna For Ex-PM Narasimha Rao, Jat Leader Chaudhary Charan Singh, & MS Swaminathan
All you need to know:
Chaudhary Charan Singh, known as a prominent farmers’ leader.
PV Narasimha Rao, known for introducing various liberal reforms to India’s economy.
“I feel very… pic.twitter.com/UaQcU18jWg
— TIMES NOW (@TimesNow) February 9, 2024
2. पीवी नरसिम्हा राव
पीवी नरसिम्हा राव देश के 9वें प्रधानमंत्री थे। उन्हें देश में आर्थिक सुधारों के जनक के रूप में भी जाना जाता है। पीवी नरसिम्हा राव को राजनीति के अलावा कला, संगीत और साहित्य आदि विभिन्न क्षेत्र में अच्छी समझ रखते थे। उन्हें कई भाषाएं आती थी। यही थी कि वह बोलचाल में कई भाषाओं का इस्तेमाल करते थे। पीवी नरसिम्हा राव ने दो कंप्यूटर लैंग्वेज सीखकर 60 साल की उम्र पार करने के बाद कंप्यूटर कोड बनाया था। राव का जन्म 28 जून 1921 को आंध्र प्रदेश के करीमनगर में हुआ था। पेशे से कृषि विशेषज्ञ व वकील रहे राव राजनीति में आए और कुछ महत्वपूर्ण विभागों का कार्यभार संभाला। उनका निधन 23 दिसंबर 2004 में हुआ था।
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3. एमएस स्वामीनाथन
प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथ का जन्म मद्रास प्रेसिडेंसी में साल 1925 में हुआ था। स्वामीनाथन 11 साल के ही थे जब उनके पिता की मौत हो गई। उनके बड़े भाई ने उन्हें पढ़ा-लिखाकर बड़ा किया। देश को अकाल से उबारने और किसानों को मजबूत बनाने वाली नीति बनाने में उन्होंने अहम योगदान निभाया था। उनकी अध्यक्षता में आयोग भी बनाया गया था जिसने किसानों की जिंदगी को सुधारने के लिए कई अहम सिफारिशें की थीं। उन्होंने देश को खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर बनाया। स्वामीनाथन जितना बीजों के जीनोम के बारे में समझते थे, उतना ही वो किसानों की जरूरतों के प्रति भी जागरूक थे। स्वामीनाथन को उनके काम के लिए कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। पिछले साल 28 सितंबर 2023 को एमएस स्वामीनाथन का चेन्नई में निधन हो गया था। (एएमएपी)