लोकसभा चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल की मुश्किलें बढ़ गई हैं। महादेव बेटिंग ऐप मामले में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। भूपेश बघेल के खिलाफ पुलिस ने धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश, विश्वासघात और जालसाजी से संबंधित विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और 11 के तहत एफआईआर दर्ज की है। एफआईआर में भूपेश बघेल के अलावा महादेव बेटिंग ऐप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल समेत 16 अन्य लोगों का नाम शामिल है।

माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले भूपेश बघेल का इस तरह से नाम आने से कांग्रेस के लिए कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं। कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा चुनाव में भूपेश बघेल को राजनांदगांव लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है। दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की रिपोर्ट में कहा गया है कि धन संरक्षण के बदले महादेव सट्टा ऐप की अवैध गतिविधियों को अनुमति देने के लिए राज्य सरकार के शीर्ष स्तर के पदाधिकारियों की संलिप्तता का खुलासा करता है।

महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप मामला तब से सुर्खियों में आया, जब ईडी ने दावा किया कि उसने एक ‘कैश कूरियर’ के ईमेल स्टेटमेंट को रिकॉर्ड किया है, जिसमें खुलासा हुआ है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यूएई में स्थित ऐप प्रमोटरों से कथित तौर पर 508 करोड़ रुपये लिए थे। वहीं, महादेव बुक का मालिक अब हिरासत में हैं, उसे मनी लॉन्ड्रिंग के तहत गिरफ्तार किया गया है।

क्‍या बोले सीएम भूपेश बघेल ?

ईडी की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए सीएम भूपेश बघेल ने कहा,’यह व्यक्ति दावा कर रहा है कि वह ‘महादेव ऐप’ का मालिक है। आश्चर्य की बात यह है कि महीनों से इस मामले की जांच कर रही एजेंसी ईडी को यह बात अभी तक पता नहीं थी और दो दिन पहले तक ईडी उसे मैनेजर बता रही थी। छत्तीसगढ़ की जनता सब जान-समझ रही है। वह भाजपा और उसकी सहयोगी ईडी को चुनाव में करारा जवाब देगी।

ईडी ने क्या लगाया था आरोप

पिछले साल नवंबर में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आरोप लगाया था कि महादेव ऐप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल ने छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल को 508 करोड़ रुपए की रिश्वत दी थी। इसके साथ ही ईडी की चार्जशीट में भी भूपेश बघेल के नाम का जिक्र था और अब जब राज्य की ईओडब्ल्यू ने एफआईआर दर्ज किया है तो उसमें भूपेश बघेल को नामजद आरोपी बनाया है।

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क्या है महादेव बेटिंग ऐप?

महादेव बेटिंग ऐप ऑनलाइन सट्टेबाजी के लिए बनाया ऐप है। इस पर यूजर्स पोकर, कार्ड गेम्स, चांस गेम्स नाम से लाइव गेम खेलते थे। ऐप के जरिए क्रिकेट, बैडमिंटन, टेनिस, फुटबॉल जैसे खेलों और चुनावों में अवैध सट्टेबाजी भी की जाती थी। अवैध सट्टे के नटवर्क के जरिए इस ऐप का जाल तेजी से फैला और सबसे ज्यादा खाते छत्तीसगढ़ में खुले। इस ऐप से धोखाधड़ी के लिए एक पूरा खाका बनाया गया था। दरअसल, महादेव बेटिंग ऐप कई ब्रांच से चलता था। हर ब्रांच को सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल फ्रेंचाइजी के रूप में बेचते थे। यूजर को सिर्फ शुरुआत में फायदा और बाद में नुकसान होता। फायदे का 80% हिस्सा दोनों अपने पास रखते थे। सट्टेबाजी ऐप रैकेट एक ऐसी मशीन की तरह काम करता है, जिसमें एल्गोरिदम यह तय करता है कि ऐप में अपना पैसा लगाने वाले केवल 30% ग्राहक ही जीतें।(एएमएपी)