महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे गुट से नेताओं को पलायन अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। उनकी ठीक से शुक्रवार को एक और सांसद टूटकर शिंदे गुट में चला गया है। अब सांसद गजानन कीर्तिकर ने सीएम एकनाथ शिंदे की मौजूदगी में उनकी बालासाहेबंची शिवसेना ज्वॉइन कर ली है। एकनाथ शिंदे अपने गुट के नेताओं द्वारा आयोजित सम्मान कार्यक्रम में शामिल हुए। इसी कार्यक्रम में गजानन कीर्तिकर शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) में शामिल हुए।
गजानन कीर्तिकर शिंदे गुट में शामिल होने वाले 13वें सांसद हैं। कीर्तिकर का उद्धव को छोड़कर जाना उनके लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। दरअसल कीर्तिकर राष्ट्रीय कार्यकारिणी का हिस्सा थे। वहीं सांसद गजानन कीर्तिकर को शिवसेना (उद्धव बालासाहब ठाकरे) से निष्कासित कर दिया गया है।
अब मुंबई के तीन सांसदों में से अब शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के पास एक ही सांसद (अरविंद सावंत) बचे हैं। हालांकि कीर्तिकर का यह कदम हैरान करने वाला नहीं है क्योंकि वह लगातार शिंदे के संपर्क में थे। वह शिंदे के सीएम बनने के बाद उनके घर गए थे। गणपति उत्सव के दौरान भी कीर्तिकर शिंदे के सरकारी आवास वर्षा गए थे।
गजानन हाल में लोकाधिकार समिति के महासंग्राम कार्यालय के उद्घाटन में शामिल नहीं हुए थे। असली शिवसेना कौन है? इस पर चुनाव आयोग में सुनवाई से पहले कीर्तिकर का शिंदे से जुड़ना एक बड़ा राजनीतिक दांव माना जा रहा है।
उद्धव गुट के कई विधायक-सांसद संपर्क में: श्रीकांत
अक्टूबर में नारायण राणे ने किया था दावा
शिंदे की बगावत से गिर गई थी उद्धव की सरकार
दोनों गुटों को मिले हैं नए चुनाव चिह्न और पार्टी नाम
महाराष्ट्र की नई सरकार में एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाया गया था। जबकि बीजेपी की तरफ से देवेंद्र फडणवीस डिप्टी सीएम बने थे। अब आगे बीएमसी चुनाव हैं। ऐसे में उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे एक बार फिर आमने-सामने हैं। हाल ही मे दोनों नेताओं ने शिवसेना पर दावा किया था। बाद में चुनाव आयोग ने दोनों गुटों को नई पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न आवंटित किए थे।
उद्धव गुट को पार्टी का नाम ‘शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे’ दिया है और चुनाव चिह्न ‘ज्वलंत मशाल’ (मशाल) मिला है। इसी तरह, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुट को पार्टी का नाम ‘बालासाहेब की शिवसेना’ का दिया है और ‘दो तलवारें और एक ढाल’ चुनाव चिह्न मिला है। (एएमएपी)



