कांग्रेस की तरफ से हाई कोर्ट में सीनियर वकील अभिषेक सिंघवी पेश हुए। उन्होंने दलील दी कि टैक्स असेसमेंट कार्यवाही की समय सीमा होती है और आयकर विभाग अधिकतम 6 मूल्यांकन वर्षों का आकलन कर सकता है। हालांकि, आयकर विभाग ने दावा किया कि आयकर विभाग की ओर से किसी वैधानिक प्रावधान का कोई उल्लंघन नहीं किया गया है। आयकर विभाग ने दिल्ली हाई कोर्ट के समक्ष सबूत पेश किए कि किस आधार पर उन्होंने नोटिस जारी किया। बरामद सामग्री के अनुसार, पार्टी की ओर से शेष आय 520 करोड़ रुपये से अधिक है।
साल-दर-साल पेयमेंट का दिया आंकड़ा
इन दस्तावेजों में से एक में एमईआईएल की ओर से मेंटेन की जाने वाली एंट्री शामिल थी। इससे पता चला कि 2016-18 में कांग्रेस को 10 करोड़ रुपये से अधिक नकद, 2018-19 में 7 करोड़ रुपये से अधिक और 2019-20 में लगभग 19 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था। हाल ही में, हाई कोर्ट ने 100 करोड़ रुपये से अधिक के बकाया कर की वसूली के लिए आयकर विभाग की ओर से कांग्रेस को जारी किए गए नोटिस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। साथ ही अदालत ने आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण के आदेश में हस्तक्षेप करने से भी मना कर दिया था। आकलन करने वाले अधिकारी ने वर्ष 2018-19 के लिए 100 करोड़ रुपये से अधिक कर की मांग की थी, जब आय 199 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई थी। (एएमएपी)