“कतर की जेल से वापस लाने के लिए हम PM मोदी का धन्यवाद करते हैं, उनके बिना यह संभव नहीं था”
◆ कतर से लौटे पूर्व भारतीय नौसैनिक ने कहा
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— News24 (@news24tvchannel) February 12, 2024
जासूसी के आरोप में कतर की जेल में थे बंद
ये आठों पूर्व नौसैनिक जासूसी के आरोप में कतर की जेल में बंद थे। अदालत ने इन्हें मौत की सजा सुनाई थी। जिसके बाद भारत के लिए इनकी रिहाई बड़ी चुनौती बनी हुई थी। भारत के अनुरोध पर कतर के अमीर ने पहले ही इन नौसैनिकों की मौत की सजा को कम करते हुए उम्रकैद में बदल दिया था। अब अमीर के आदेश पर इन पूर्व नौ सैनिकों की रिहाई कर दी गई है जिसका भारत ने स्वागत किया है।
भारत ने फैसले का किया स्वागत
विदेश मंत्रालय के आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘भारत सरकार कतर में हिरासत में लिए गए अल-दहरा ग्लोबल कंपनी के लिए काम करने वाले आठ भारतीय नागरिकों की रिहाई का स्वागत करती है। उनमें से आठ में से सात भारतीय सुरक्षित भारत लौट आए हैं।’ मंत्रालय ने कहा, ‘हम इन नागरिकों की रिहाई और घर वापसी सुनिश्चित करवाने के लिए कतर के अमीर के फैसले की सराहना करते हैं।’
Huge diplomatic win for India
Qatar releases eight Indian Navy veterans.
– 7 officials have returned to India.
These 8 Navy veterans were on death row. Later, death row was converted to life imprisonment, and now they have been released…: @RishabhMPratap @Swatij14 pic.twitter.com/OSMQQY1YAz
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भारत ने की थी अपील
कतर की अदालत ने जब भारत के आठ पूर्व नौ सैनिकों की सजा का ऐलान किया तो भारत ने इसके खिलाफ अपील की थी। इसका फायदा यह हुआ कि 28 दिसंबर, 2023 को आठों भारतीय नागरिकों को सुनाई गई मौत की सजा पर रोक लगा दी गई। इनकी रिहाई के लिए कतर और भारत के बीच राजनयिक वार्ता चल रही थी। जिसके बाद नौसैनिकों की मौत की सजा को बढ़ी हुई जेल की सजा में बदल दिया गया।
दिल्ली पहुंचते ही लगाए ‘भारत माता की जय’ के नारे
भारत लौटे पूर्व नौसैनिक अधिकारियों में एक ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप के बगैर उनकी रिहाई संभव नहीं थी। उन्होंने दिल्ली एयरपोर्ट पर लैंड करने के बाद ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए। सभी पूर्व अधिकारियों ने पीएम मोदी और कतर के अमीर का भी धन्यवाद दिया। एक पूर्व अधिकारी ने कहा कि उनकी रिहाई बिना भारत सरकार की कोशिशों के मुमकिन नहीं था।
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ये हैं रिहा किए गए नौसैनिक
भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों में – कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल और नाविक रागेश शामिल हैं – जो कतर में अलदाहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी में काम कर रहे थे, जो कि एक सर्विसेज और रक्षा सेवा प्रदान करने वाली कंपनी है।
उल्लेखनीय है कि कतर की जेल में कैद ये आठों भारतीय पहले नौसेना में काम करते थे। इनके ऊपर कथित तौर पर कतर के सबमरीन प्रोग्राम की जासूसी करने का आरोप था, जिसके बाद आठों को गिरफ्तार किया। ये अक्टूबर, 2022 से ही कतर की जेल में बंद थे। कतर की अदालत ने आठों भारतीयों को जासूसी का दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनाई थी। (एएमएपी)