दिल्ली हाईकोर्ट ने डीडीए को उनके घरों पर तोड़फोड़ न करने के दिए निर्देश

दिल्ली हाईकोर्ट ने पाकिस्तान से भारत आए हिंदू शरणार्थियों को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने तोड़फोड़ रोक लगा दी है। दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी (डीडीए) को निर्देश दिया कि वह 2011 से यमुना बाढ़ क्षेत्र के मैदानों में रह रहे पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों के खिलाफ कोई तोड़फोड़ न करे। दिल्ली हाईकोर्ट मामले की अगली सुनवाई 19 मार्च को करेगी। ये शरणार्थी 2011 से यमुना बाढ़ के मैदानों में रह रहे हैं।

हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी जिसमें डीडीए के चार मार्च को जारी नोटिस को चुनौती दी गई। नोटिस के अनुसार, निवासियों को 6 मार्च तक जगह खाली करने को कहा गया था। अब हाईकोर्ट ने डीडीए को एक्शन नहीं लेने का निर्देश दिया है। याचिकाकर्ता ने मजनूं का टीला में रहने वाले 800 शरणार्थियों के लिए वैकल्पिक आवास का इंतजाम होने तक डिमॉलिशन पर रोक लगाने का निर्देश देने की मांग की थी।

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अगली सुनवाई तक कोई कार्रवाई नहीं

लाइव लॉ के अनुसार, कोर्ट ने कहा है कि अगली सुनवाई तक याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। डीडीए ने चार मार्चको एक सार्वजनिक नोटिस चिपकाया था जिसमें निवासियों को छह मार्च तक शिविर खाली करने के लिए कहा गया था। ऐसा नहीं करने पर उन्हें गिरा दिया जाएगा। याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी कई सालों से मजनूं का टीला में रह रहे हैं और अधिकारी उन्हें बेसिक सुविधाएं भी दे रहे हैं। 29 जनवरी को नेशनल ग्रीम ट्रिब्यूनल के यमुना बाढ़ क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने के आदेश पर कार्रवाई करते हुए डीडीए ने निवासियों को घर खाली करने का नोटिस दिया था। अब 19 मार्च को इस मामले पर सुनवाई होगी।(एएमएपी)