अब संसद में जाकर कर सकते हैं भागीदारी।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी को ‘मोदी सरनेम केस’ में बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें मानहानि का दोषी पाए जाने पर मिली दो साल की सजा पर रोक लगा दी है। अब वह संसद में जाकर भागीदारी कर सकते हैं और उनकी सांसदी बहाल रहेगी। यदि इस सजा पर रोक नहीं लगती तो राहुल गांधी सांसदी से अयोग्य हो जाते और अगले 8 साल तक चुनाव भी नहीं लड़ पाते। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला राहुल गांधी, कांग्रेस और INDIA के तौर पर बने पूरे विपक्षी गठबंधन के लिए राहत की खबर है।केस की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि हम यह जानना चाहते हैं कि अधिकतम सजा ही क्यों दी गई। यदि जज ने 1 साल और 11 महीने की भी सजा दी होती तो वह अयोग्य घोषित न होते।’ इस पर पूर्णेश मोदी के वकील ने कहा कि ऐसी सजा शायद इसलिए दी गई क्योंकि राहुल गांधी को पहले ही हिदायत दी गई थी, लेकिन उनके बर्ताव में कोई बदलाव नहीं आया था। शीर्ष अदालत ने कहा कि यदि इस केस में एक दिन की भी कम सजा होती तो राहुल गांधी सांसद रहते।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह मामला किसी एक शख्स का नहीं है बल्कि पूरे संसदीय क्षेत्र का है। कैसे उन्हें उनके नुमाइंदे से वंचित किया जा सकता है। सुनवाई के दौरान राहुल गांधी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि यह कोई मर्डर, रेप या अगवा करने का केस थोड़ी है, जिसे जज ने गंभीर माना था। सिंघवी ने कहा कि राहुल गांधी कोई बहुत बड़े अपराधी नहीं है। उन पर भाजपा के कार्यकर्ताओं ने बहुत केस कराए हैं, लेकिन किसी में भी उन्हें दोषी नहीं पाया गया। पहले ही राहुल गांधी इस मामले के चलते संसद के दो सदन में नहीं जा सके हैं।

जानिए क्या है मामला

2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक के कोलार की एक रैली में राहुल गांधी ने कहा था, ‘कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी है?’ इसी को लेकर भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। राहुल के खिलाफ आईपीसी की धारा 499 और 500 (मानहानि) के तहत मामला दर्ज किया गया था।

(एएमएपी)