आपका अखबार ब्यूरो।
कोरोना की वैक्सीन आने पर राहत की एक उम्मीद जगी ही थी कि राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल से लेकर केरल तक बर्ड फ्लू का संकट गहराता दिखाई दे रहा है। हरियाणा में एक लाख मुर्गियों की मौत के बाद हड़कंप मचा हुआ है। हिमाचल प्रदेश के पोंग बांध झील अभयारण्य में मरे पक्षियों की नमूनों की जांच में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। हिमाचल सरकार ने सावधानी बरतते हुए राज्य में मछली, मुर्गे और अंडों की बिक्री पर रोक लगाने का आदेश दिया है। बर्ड फ्लू की दहशत के बीच कई राज्यों ने अलर्ट जारी किया है। केरल में चालीस हजार पक्षियों को मारने की नौबत आ गई है।
एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस से होने वाली बर्ड फ्लू काफी संक्रामक बीमारी है। वायरस के कारण पक्षियों के श्वसन तंत्र पर इसका असर पड़ता है। इससे मनुष्य भी प्रभावित हो सकते हैं। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में टांडा स्थित राजेंद्र प्रसाद राजकीय मेडिकल कॉलेज के सेवानिवृत्त प्रोफेसर (मेडिसिन) डॉ. राजेश शर्मा ने कहा है कि ‘इस समय बर्डफ्लू खतरनाक है। ऐसे में पक्षियों से दूर रहना चाहिए, क्योंकि यह मनुष्यों में भी फैल सकता है।’
हरियाणा में एक लाख मुर्गियों की मौत
देश के सबड़े बड़े पोल्ट्री इलाकों में से एक हरियाणा के पंचकुला में एक लाख से मुर्गियों की मौत से हड़कंप मचा हुआ है। हरियाणा पशुपालन और डेयरी विभाग ने व्यापक फोरेंसिक जांच शुरू कर दी है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि मुर्गियों की मौत का वास्तविक कारण क्या है।
वायरस के अत्यधिक रोगजनक और आनुवंशिक तनाव की संभावना का पता लगाने के लिए पक्षियों के खून, उन्हें दिया गया भोजन और मृत पक्षियों के सैंपल एकत्र कर जालंधर के क्षेत्रीय रोग निदान प्रयोगशाला भेजे गए हैं। ये सैंपल पशुपालन और डेयरी विभाग के महानिदेशक डॉ. बीएस लौरा की देखरेख में जब्त किए गए।
राजस्थान में 425 से अधिक पक्षियों की मौत
राजस्थान में विभिन्न जिलों में सोमवार को 170 से अधिक पक्षियों की मौत का पता चला है। पशुपालन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में 425 से अधिक कौवों, बगुलों और अन्य पक्षियों की मृत्यु हो चुकी है। भोपाल के राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान को जांच के लिए भेजे गए झालावाड़ में मरे पक्षियों के नमूनों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। बाकी जिले में मरे पक्षियों के नमूनों की जांच के परिणाम अभी प्राप्त नहीं हुए हैं।
40 हजार पक्षी मारे जाएंगे केरल में
केरल के कोट्टायम और अलप्पुझा जिलों में भी बर्ड फ्लू फैलने का पता चला है। इसे देखते हुए प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में और उसके आसपास एक किलोमीटर के दायरे में बत्तख, मुर्गियों और दूसरे घरेलू पक्षियों को मारने का आदेश जारी किया है। अधिकारियों का कहना है कि एच5एन8 वायरस की रोकथाम के लिए लगभग चालीस हजार पक्षियों को मारना पड़ेगा। कोट्टायम के नींदूर में एक बत्तख पालन केंद्र में बर्ड फ्लू से करीब 1,500 बत्तख मर चुकी हैं। केरल में 2016 में बड़े पैमाने पर बर्ड फ्लू फैला था।
हिमाचल में 1800 प्रवासी पक्षी मरे
हिमाचल में भी बर्ड फ्लू से संकटपूर्ण स्थिति बनी हुई है। पोंग बांध झील अभयारण्य में अब तक करीब 1800 प्रवासी पक्षी मृत पाये गये हैं। प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) अर्चना शर्मा ने बताया किमृत पक्षियों के नमूनों को जांच के लिए बरेली में भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान भेजा गया था। जांच रिपोर्ट में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। उन्होंने कहा कि अब हम भोपाल स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट आफ हाई सिक्योरिटी एनिमल डीजीज से इसकी पुष्टि का इंतजार कर रहे हैं क्योंकि बर्ड फ्लू की जांच के लिये यह नोडल इकाई है।
कोरोना की मार के बीच कई राज्यों में पक्षियों की अचानक मौतों से दहशत