पूर्वांचल में भाजपा की हारी छह सीटों में अंबेडकरनगर, आजगमगढ़, गाजीपुर, घोसी, लालगंज और जौनपुर हैं। आजमगढ़ में भाजपा प्रत्याशी सपा प्रमुख अखिलेश यादव से बड़े अंतर से हारे थे। अन्य सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों को बसपा के हाथों हार का मुंह देखना पड़ा था। अंबेडकरनगर, गाजीपुर, घोसी, आजमगढ़ जिले की लालगंज सीट और जौनपुर में बसपा को जीत मिली थी।
वर्ष 2019 में सपा-बसपा गठबंधन का पूरा जोर आजमगढ़ व वाराणसी मंडल में दिखा। इन दो मंडलों से विपक्ष को पांच सीटें मिल गई थीं। ये दोनों ऐसे मंडल हैं, जहां पर ओम प्रकाश राजभर लगातार सक्रिय रहते हैं। इनकी पार्टी के अधिकांश विधायक भी इन्हीं मंडलों से हैं।

मछलीशहर और बलिया को बचाने की कोशिश भी है इस गठबंधन से
वहीं मछलीशहर सीट पर भाजपा प्रत्याशी को महज 181 मतों से जीत हासिल हुई थी। बलिया में भी भाजपा प्रत्याशी को सपा प्रत्याशी से कड़ी टक्कर मिली थी। महज 15519 मतों से भाजपा जीत सकी थी। मछलीशहर में ओम प्रकाश राजभर के प्रत्याशी को 11 हजार और बलिया में 35900 वोट मिले थे। राजभर यदि विपक्षी खेमे का हिस्सा बने रहते तो इन दोनों सीटों को बचाने में भी भाजपा को काफी मशक्कत करनी पड़ती। राजभर को जोड़ते हुए भाजपा ने इन दोनों सीटों पर अपनी जीत आसान बनाने की कोशिश की है।
बिरादरी का वोट ट्रांसफर कराने का माद्दा रखते हैं राजभर
अकेले में राजभर भले ही कोई करामात न कर सकें लेकिन गठबंधन में रहते हुए वह अपनी बिरादरी का वोट ट्रांसफर कराने का माद्दा रखते हैं। 2022 विधानसभा चुनाव में यह दिखा भी। आजमगढ़ और गाजीपुर जिले की सभी विधानसभा सीटें भाजपा हार गई थी। बलिया में भाजपा को सात में से महज एक सीट पर जीत हासिल हुई। जौनपुर में महज नौ में से दो विधानसभा सीटें जीती।
ओम प्रकाश राजभर का कोई भरोसा नहीं : शिवपाल
सपा नेता शिवपाल यादव ने सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर को निशाने पर लेते हुए कहा कि वह कब कहां चले जाएं, कोई भरोसा नहीं। उनका कोई एक ठिकाना नहीं है। शिवपाल ने रविवार को यह बातें यहां गोसाईंगंज में एक निजी कार्यक्रम में पत्रकारों से कहीं। शिवपाल ने कहा कि ओ प्रकाश राजभर अपने विधानसभा क्षेत्र जहूराबाद से अब चुनाव नहीं जीत पाएंगे। अगले साल होने वाले आम चुनाव में भाजपा की सरकार नहीं बनेगी। जनता अब लगातार मजबूत हो रहा विपक्षी दलों का गठबंधन को ही जिताएगी।(एएमएपी)



