नागपुर से नितिन गडकरी और हमीरपुर से अनुराग ठाकुर को दिया टिकट
दरअसल, बीजेपी अब तक अपनी दो लिस्टों में कुल 267 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर चुकी है। हालांकि, इनमें से 2 उम्मीदवारों ने अपना नाम वापस ले लिया है। अब तक इन दोनों उम्मीदवारों की जगह पार्टी ने किसी और नाम का ऐलान नहीं किया है। बीजेपी ने उम्मीदवारों की जो दूसरी लिस्ट जारी की है, उसमें महाराष्ट्र एवं कर्नाटक से 20-20, गुजरात से 7, हरियाणा एवं तेलंगाना से 6-6, मध्य प्रदेश से 5, दिल्ली, उत्तराखंड एवं हिमाचल प्रदेश से 2-2, और त्रिपुरा, दादर एवं नगर हवेली से 1-1 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया है।
कौन हैं त्रिपुरा के शाही परिवार की महारानी कृति सिंह
महारानी कृति सिंह देबबर्मा टिपरा मोथा पार्टी के संस्थापक और त्रिपुरा शाही परिवार के मुखिया प्रद्योत माणिक्य देबबर्मा की बड़ी बहन हैं। वह आगामी लोकसभा चुनाव में पहली बार चुनावी मैदान में उतरेंगी। हालांकि उनके माता-पिता राजनीति में सक्रिय थे और कांग्रेस पार्टी के सदस्य थे। उनके पिता, किरीट बिक्रम देबबर्मा तीन बार सांसद थे और उनकी मां बिभु कुमारी देवी दो बार कांग्रेस विधायक रह चुकी हैं और त्रिपुरा के राजस्व मंत्री के रूप में भी काम कर चुकी हैं। किरीट देबबर्मा त्रिपुरा के अंतिम राजा भी थे।
किरीट बिक्रम किशोर माणिक्य की सबसे छोटी बेटी कृति ने अपनी स्कूली शिक्षा शिलांग के लोरेटो कॉन्वेंट से पूरी की है। इसके बाद उन्होंने पर्यावरण शिक्षा और प्रबंधन कार्यक्रम के साथ-साथ गुजरात में वरिष्ठ प्रबंधन और ग्रामीण विकास पाठ्यक्रम में डिप्लोमा किया। वह 1992 से 1994 तक शिलांग में पशु कल्याण अधिकारी रहीं। उनकी शादी छत्तीसगढ़ के पूर्व कवर्धा राज शाही परिवार के वंशज योगेश्वर राज सिंह से हुई।
कृति सिंह देबबर्मा अपने भाई की पार्टी की सदस्य हैं, लेकिन बीजेपी के चुनाव चिन्ह के तहत चुनाव लड़ेंगी। देबबर्मा की उम्मीदवारी टिपरा मोथा के हाल ही में त्रिपुरा में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल होने के बाद आई है। कृति सिंह की बहन कुमारी प्रज्ञा देबबर्मा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में त्रिपुरा पूर्व सीट से चुनाव लड़ा था।
मैसूर शाही के 27वें राजा हैं यदुवीर
बीजेपी की दूसरी लिस्ट में शामिल दूसरा नाम मैसूर के शाही परिवार के यदुवीर कृष्णदत्त चामराजा वाडियार का है। 32 वर्षीय यदुवीर जयरामचंद्र वाडियार के पोते हैं। जयरामचंद्र वाडियार मैसूर के 25वें और आखिरी राजा थे। यदुवीर अपने चाचा और वाडियार राजवंश के 26वें राजा श्रीकांतदत्त नरसिम्हराजा वाडियार की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाएंगे। श्रीकांतदत्त नरसिम्हराजा वाडियार चार बार मैसूर से सांसद रह चुके हैं। यदुवीर को 2015 में पूर्ववर्ती मैसूरु शाही परिवार के प्रमुख के रूप में ताज पहनाया गया था। इसके बाद वह वाडियार राजवंश के 27वें ‘राजा’ बन गए।
यदुवीर को प्रमोदा देवी वाडियार ने अपने पति श्रीकांतदत्ता वाडियार की मृत्यु के बाद गोद लिया था। यदुवीर की शुरुआती पढ़ाई बेंगलुरू के विद्यानिकेतन स्कूल में हुई। इसके बाद उन्होंने अमेरिका की मैसाचुसेट्स यूनिवर्सिटी से अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त की। उनके पास अंग्रेजी साहित्य और अर्थशास्त्र की डिग्री है। वह पहली बार चुनावी मैदान में उतरे हैं और बीजेपी ने उन्हें मैसूर सीट से टिकट दिया है, जहां शाही परिवार का अच्छा खासा दबदबा है।
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वाडियार राजवंश ने 1399 से 1947 तक मैसूरु राज्य पर शासन किया, जिसके अंतिम राजा जयचामाराजेंद्र वाडियार थे, जिन्होंने 1940 से 1947 में भारत की आजादी तक शासन किया। वह 1950 में भारत के गणतंत्र बनने तक मैसूरु के राजा बने रहे। यदुवीर वाडियार जयचामाराजेंद्र वाडियार की सबसे बड़ी बेटी राजकुमारी गायत्री देवी के पोते हैं। (एएमएपी)