आपका अखबार ब्यूरो।
बिहार चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और जनता दल यूनाइटेड में बराबर बराबर सीटों पर चुनाव लड़ने पर सहमति बन गई है। अभी लोकजनशक्ति पार्टी का रुख साफ न होने से घोषणा रुकी हुई है। लोक जनशक्ति पार्टी संस्थापक राम विलास पासवान की बीमारी के कारण शनिवार को होने वाली पार्टी संसदीय बोर्ड की बैठक टल गई है।
भाजपा और जदयू के बीच सीट बंटवारे के पुराने फार्मूले को छोड़ने पर सहमति बन गई है। जदयू 122 सीटों पर और भाजपा 121 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। मोटे तौर पर यह समझ बनी है कि जीतन राम मांझी की पार्टी को नीतीश कुमार अपने कोटे से सीटें देंगे और लोजपा को भाजपा अपने कोटे से। इसके लिए भाजपा ज्यादा सीटें मांग रही है। शनिवार को बिहार भाजपा के प्रभारी देवेन्द्र फडणनवीस, महामंत्री भूपेन्द्र यादव, सुशील मोदी और जदयू से ललन सिंह, आरसीपी सिंह, बिजेन्द्र यादव और विजय चौधरी शामिल हुए। बातचीत के बाद भाजपा नेता दिल्ली लौट गए।
गठबंधन में लोजपा के कारण समस्या बनी हुई है। लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भक्त हैं। पर वे नीतीश कुमार को हराने पर आमादा हैं। उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा बहुत बढ़ गई है। वे अभी तक माने नहीं हैं। रविवार को लोजपा की संसदीय बोर्ड की बैठक में अंतिम फैसला होने वाला है। इस बात की संभावना कम है कि चिराग मानेंगे। जद यू के लोगों को शक है कि पासवान को भाजपा उकसा रही है। ताकि जदयू की सीटों पर लोजपा अपने उम्मीदवार खड़े करे और उन्हें हराए। चुनाव के बाद भाजपा और लोजपा मिल सकते हैं।
उधर महागठबंधन में सीटों का बंटवारा हो गया है। राष्ट्रीय जनता दल 144, कांग्रेस 71, माकपा(माले), सीपीआई 6 और सीपीएम चार सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। राजद के लिए अच्छी बात यह हुई है कि कांग्रेस और दूसरे घटक दल तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार मानने के लिए तैयार हो गए हैं। पर मुकेश सहनी गठबंधन से बाहर हो गए हैं। इस तरह से उनकी पार्टी तीसरी पार्टी हो गई है जो महागठबंधन से बाहर हो गई है।
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