ये रिश्ता क्या कहलाता है- राजनीति में दुश्मन, क्रिकेट में दोस्त ।
प्रदीप सिंह।
महाराष्ट्र में आजकल एनसीपी नेता शरद पवार और भारतीय जनता पार्टी की गजब दोस्ती चल रही है। मैं पहले भी बता चुका हूं कि कैसे अंधेरी वेस्ट विधानसभा के उपचुनाव में शरद पवार का दांव चला और बीजेपी उसके लिए तैयार हो गई। बीजेपी ने अपना उम्मीदवार हटा लिया।
एक सज्जन है जिनका असली नाम तो पता नहीं है लेकिन ट्विटर पर वह अक्सर भीकू म्हात्रे मुंबई का डॉन (BhikuMhatre @MumbaichaDon) के नाम से ट्वीट करते हैं। उन्होंने इस पर एक बड़ा ही अच्छा थ्रेड पोस्ट किया है जो थोड़ा सेटायरीकल है लेकिन सच्चाई के बिल्कुल करीब है या कहें कि बिल्कुल सच है। उसी के आधार पर मैं यह बात कह रहा हूं। मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन का चुनाव हो रहा है। उस चुनाव में आप देखिए कि किस तरह के समीकरण बने हैं। आपने देखा कि पिछले दिनों शरद पवार और बीजेपी में किस तरह की राजनीतिक लड़ाई हुई। खासकर 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के समय से। जिस तरह से पवार को ईडी का सम्मन गया- उसके पास जिस तरीके से उन्होंने रिएक्ट किया- और नतीजा आया- एमवीए की सरकार बनी- और उसके बाद भी जो कुछ हुआ। राजनीति में कहते हैं कि बड़े स्ट्रेंज बैडफेलो बन जाते हैं लेकिन मुझे लगता है कि क्रिकेट में ये उससे ज्यादा चलता है। जितना राजनीति में यह अंदर का खेल चलता है- अंदर से दुश्मनी और बाहर से दोस्ती- क्रिकेट में उससे ज्यादा चलता है।
कब अंदर से मिल जाएं और कब लड़ने लगें- कहना मुश्किल
मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष का चुनाव हो रहा है। उसमें पूर्व टेस्ट क्रिकेटर संदीप पाटिल उम्मीदवार हैं जो चीफ सिलेक्टर भी रह चुके हैं। लेकिन राजनीतिक नेता उनके साथ नहीं हैं- न पक्ष के और न विपक्ष के। उनके खिलाफ एक उम्मीदवार उतारा गया है जिसका नाम है अमोल काले। काले नागपुर के उद्योगपति हैं और उनको शरद पवार कैंप से यानी पवार के पैनल से उतारा गया है। पवार के पैनल में मुंबई भाजपा के अध्यक्ष आशीष शेलार भी हैं… यह दोस्ती क्या कहलाती है मुझे पता नहीं- राजनीति में क्रिकेट में। मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए अमोल काले पवार के पैनल से उम्मीदवार हैं लेकिन मामला इतने तक ही नहीं है। मामला इससे आगे है। अमोल काले महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बाल सखा यानी बचपन के दोस्त हैं। कहा जा रहा है कि उनका नाम देवेंद्र फडणवीस ने ही सजेस्ट किया। लेकिन इसके बारे में मुझे कोई प्रामाणिक जानकारी नहीं है कि काले का नाम उन्होंने सजेस्ट किया या नहीं। फिर भी इतना तो सच है कि फडणवीस और काले की बचपन की दोस्ती है। दोनों नागपुर के हैं। काले नागपुर के उद्योगपति हैं और उनके देवेंद्र फडणवीस से अच्छे संबंध न हो यह मानना मुश्किल है।
अभी बीएमसी का चुनाव आने वाला है। यहां महाराष्ट्र विकास अघाडी (एमवीए) और बीजेपी व शिवसेना का एकनाथ शिंदे गुट आमने-सामने होंगे। राजनीतिक रूप से यह बड़ी भीषण लड़ाई होने वाली है। लेकिन यह अंदरखाने की राजनीति- इस तरह की दोस्ती कि राजनीति के साथ भी और राजनीति के बाद भी- यह किस ओर ले जाती हैं। क्या पब्लिक को बेवकूफ समझते हैं ये पॉलीटिशियंस? ये अपने धंधे के लिए, अपने लाभ के लिए कब अंदर से मिल जाएंगे और कब लड़ने लगेंगे- कहना मुश्किल है। जबकि इनके कार्यकर्ता एक दूसरे से लड़ेंगे-मरेंगे! क्यों ऐसे लोगों के लिए कार्यकर्ता अपना पसीना बहाए।
ऐसे होगा क्रिकेट का भला?
सवाल यह है कि मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए संदीप पाटिल से बेहतर उम्मीदवार और कौन हो सकता है? एक साफ-सुथरी छवि के व्यक्ति, बढ़िया टेस्ट खिलाड़ी, लंबे समय तक खेले, चीफ सिलेक्टर रहे। वह मुंबई क्रिकेट को भी जानते हैं और क्रिकेट को तो खैर जानते ही हैं। दुनिया भर में उनकी प्रसिद्धि है। लेकिन उनके मुकाबले एक उद्योगपति क्रिकेट का भला करेगा, संदीप पाटिल नहीं कर पाएंगे- यह संदेश शरद पवार भी दे रहे हैं और बीजेपी भी दे रही है। ऐसे में भगवान मालिक है इस देश में क्रिकेट का और खासतौर से क्रिकेट के एडमिनिस्ट्रेशन का। ऐसा कहा जा रहा है कि सौरव गांगुली को बीसीसीआई के अध्यक्ष के रूप में दूसरा कार्यकाल नहीं मिला। हालांकि अभी तक सौरव गांगुली की तरफ से ऐसी कोई बात नहीं कही गई है बावजूद इसके यह तो सच है कि सौरव गांगुली को दूसरा कार्यकाल नहीं मिला और रोजर बिन्नी नए बीसीसीआई अध्यक्ष बन गए हैं।
कुल मिलाकर जो स्थिति बन रही है- जिस तरह से क्रिकेट एडमिनिस्ट्रेशन को लेकर पॉलीटिशियंस के बीच नेक्सेस बनता है- उसमें सुप्रीम कोर्ट का दखल भी अब बेमानी हो गया है। जो कमेटी बनाई थी, जो रेकमेंडेशन्स थीं, और उनके आधार पर जो कुछ हो रहा था- उस सबका अब कोई अर्थ नहीं रह गया है। आखिरी में राजनीति और राजनीति के संबंध ही जीतते हैं।
(लेखक राजनीतिक विश्लेषक और ‘आपका अखबार’ न्यूज पोर्टल एवं यूट्यूब चैनल के संपादक हैं)