पहले समझें कौन हैं विस्तारक
विस्तारक ऐसे कार्यकर्ता होते हैं, जो सालों से भाजपा या राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में काम कर रहे हैं। ये बूथ को मजबूत करने का काम करते हैं। साथ ही ये सभी विस्तारक भाजपा के पूर्ण सदस्य बनेंगे। पार्टी जीतने वाली, कमजोर और ए कैटेगरी के आधार पर विधानसभा सीटों की एक रिपोर्ट तैयार करेगी। इसके बाद इन विस्तारकों को काम सौंपा जाएगा और ये संगठन के लिए काम करेंगे।

एक मीडिया रिपोर्ट में पार्टी के वरिष्ठ नेता के हवाले से बताया गया कि तेलंगाना में 119 सीटों पर पहले ही विस्तारकों को तैनात कर दिया गया है। खास बात है कि भाजपा लंबे समय से कर्नाटक के बाद दक्षिण भारत में सियासी जमीन तलाश रही है। वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि विस्तारक पार्टी की आंख और कान होते हैं और उनका फीडबैक मददगार हो सकता है।
भाजपा ने विस्तारक ही क्यों चुने
भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का मानना है कि ये विस्तारक पार्टी की सफलता के लिए अहम होंगे, क्योंकि इनका काम लोगो से बातचीत करना और पार्टी की विचारधारा को बढ़ाना है। योजना को दीनदयाल उपाध्याय विस्तारक योजना के नाम से भी जाना जाता है, जिसका इस्तेमाल पिछले विधानसभा चुनाव में तत्कालीन पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने भी किया था।
ये विस्तारक भाजपा के स्थानीय संगठन के साथ मिलकर काम करेंगे। साथ ही उम्मीद की जा रही है कि पार्टी को इनकी तरफ से ग्राउंड रिपोर्ट मिलेगी। 2023 में 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इनमें मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना, त्रिपुरा, मेघालय, नगालैंड, कर्नाटक और मिजोरम का नाम शामिल है। (एएमएपी)



