भाजपा के मनोज सोनकर बने नए मेयर

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के दखल और काफी विवादों के बाद मंगलवार को चंडीगढ़ में मेयर पद के लिए चुनाव हुआ। इस चुनाव में बीजेपी का उम्मीदवार जीत गया है, जबकि आम आदमी पार्टी-कांग्रेस के प्रत्याशी की हार हुई है। इस चुनाव को इंडिया ब्लॉक का लिटमस टेस्ट माना जा रहा था। ऐसे में पहले ही टेस्ट में इंडिया गठबंधन को हार मिली है। भाजपा के मनोज सोनकर चंडीगढ़ के नए मेयर बन गए हैं।

मनोज सोनकल को 16 वोट हासिल

मेयर चुने गए भाजपा नेता मनोज सोनकल को कुल 16 वोट हासिल हुए हैं, जबकि आम आदमी पार्टी के कुलदीप सिंह 12 वोट ही पा सके। 8 वोट अवैध करार दिए गए हैं। इस निर्णय को लेकर विवाद हो सकता है। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस इस पर सवाल खड़े कर सकते हैं। पहले ही चुनाव टालने को लेकर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने हमला बोलते हुए कहा था कि यह गलत है और भाजपा ने हार के चलते ऐसा फैसला लिया है।

चुनाव में जीत के दावे कर रहे थे आप और कांग्रेस

इस चुनाव में आम आदमी पार्टी के कुलदीप कुमार को कांग्रेस का भी समर्थन हासिल था। फिर भी उनकी हार हुई है। ऐसे में चुनाव में भाजपा ने बड़ा खेल करते हुए यह सीट अपने नाम कर ली। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस दोनों ही चुनाव में जीत के दावे कर रहे थे। बता दें कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव में जीत का जादुई आंकड़ा 19 होता है। वर्तमान में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को मिलाकर गठबंधन के पास कुल 20 वोट हैं। भाजपा के पास सांसद किरण खेर का वोट मिलाकर कुल 15 वोट हैं। इसके बावजूद 16 वोट पाकर भाजपा जीत गई है।

आप-कांग्रेस ने लगाया ये आरोप

आप और कांग्रेस के पार्षदों द्वारा बीजेपी पर प्रेसिडिंग ऑफिसर से मिली भगत करके वोट रद्द करवाने का आरोप लगाया जा रहा है। इनका कहना है कि जब प्रेजेंटिंग ऑफिसर ने बैलट बॉक्स को खोल तब उन्होंने जो इंडिया एयरलाइंस का मेयर पद के उम्मीदवार के एजेंट को आगे नहीं आने दिया और इसी वजह से उनके वोटों के साथ छेड़खानी की गई, उनको कैंसिल किया गया। कांग्रेस और आप रद्द हुए 8 वोटों से नाराज है। दोनों ने पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट जाने का फैसला किया। गठबंधन की दोनों पार्टियों ने सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव का बहिष्कार कर दिया है।

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आम चुनावों से पहले पहली लड़ाई

बता दें कि आम चुनाव से पहले एनडीए और इंडिया ब्लॉक के बीच यह पहला टकराव था। कड़ी सुरक्षा के बीच ये चुनाव हुआ। चंडीगढ़ नगर निगम की सुरक्षा के लिए तीन-स्तरीय बैरिकेड लगाए गए थे। नगर निगम बिल्डिंग के आसपास ट्रिपल लेयर सुरक्षा का बंदोबस्त किया गया। चुनाव के दौरान 800 जवान तैनात रहे। चंडीगढ़ पुलिस के 600 जवान, ITPB और रैपिड एक्शन फोर्स के 100100 मुलाजिमों की तैनात रही।(एएमएपी)