प्रदेश कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि लोकसभा के पिछले दो चुनावों में परिस्थितियां अलग थीं। वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री उम्मीदवार के तौर पर नरेंद्र मोदी को जनसमर्थन हासिल था, वहीं 2019 चुनाव में पुलवामा के बाद स्थितियां बदल गईं थीं, पर इस वक्त हालात अलग हैं। महंगाई और बेरोजगारी से लोग परेशान हैं। ऐसे में पार्टी को उम्मीद है कि 2024 चुनाव में उसके प्रदर्शन में काफी सुधार आएगा।

यह सही है कि पिछले दो चुनावों पर विधानसभा चुनाव में हार-जीत का कोई असर नहीं पड़ा था। पर वर्ष 2009 और 2004 के चुनाव में विधानसभा चुनाव का असर साफ दिखता है। वर्ष 2003 में वसुंधराराजे सिंधिया ने जीत दर्ज की और वर्ष 2004 चुनाव में भाजपा को 21 सीट मिली। इसी तरह 2008 में अशोक गहलोत मुख्यमंत्री बने और 2009 में कांग्रेस 20 सीट जीतने में सफल रही।
कांग्रेस रणनीतिकार मानते हैं कि इस बार स्थितियां बिल्कुल अलग हैं। इस बार राजस्थान में हर चुनाव में सरकार बदलने का रिवाज बदल सकता है। क्योंकि,मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ लोगों में कोई नाराजगी नहीं है। आम जनता सरकार की नीतियों को पसंद कर रही है। गहलोत और सचिन पायलट एकजुट हैं और दोनों मिलकर ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच रहे हैं। इस सबके बावजूद पार्टी मानती है कि राह आसान नहीं है।(एएमएपी)



