अजय विद्युत ।
फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के बांद्रा दफ्तर के कुछ हिस्से को बीएमसी द्वारा गिराये जाने के बाद इस पूरे मामले पर राजनीति तेज हो गई है। केंद्र सरकार ने अभिनेत्री की मांग पर उन्हें विशेष सुरक्षा प्रदान कर रखी है। दरअसल अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद से ही अपने बयानों में महाराष्ट्र की शिवसेना सरकार पर सवाल उठाने को लेकर कंगना उद्धव सरकार के निशाने पर थीं। लेकिन मुंबई की तुलना पीओके से करने और मूवी माफिया से अधिक मुंबई पुलिस से डर लगने वाले बयान से मामला इस कदर तूल पकड़ गया, मानो कंगना बनाम महाराष्ट्र सरकार सीधा मोर्चा खुल गया हो। फिल्म माफिया का फेवरेट मुख्यमंत्री बताने का ट्वीट हो या कुछ और… अब कंगना सीधे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को ललकारती हैं।
लेकिन महाराष्ट्र सरकार से दो दो हाथ कर रही कंगना काफी पहले से ऐसी ही हैं। बॉलीवुड की क्वीन ने अपने घर से लेकर बॉलीवुड, राजनीति और सामाजिक सरोकार तमाम विषयों पर अपनी बेबाक राय रखी है। पितृसत्ता और नेपोटिज्म से निडरता से टक्कर ली है। उनके बारे में कई दिलचस्प चीजें जानने लायक हैं।
छोटे शहर से आई
‘मैंने खुद को लायबिलिटी की तरह नहीं देखा। मैंने खुद को एक ऐसे शख्स के तौर पर नहीं देखा जिनकी जिंदगी का मकसद एक ऐसा पति खोजना होता है जो उसका ध्यान रख सके।’
‘एक ए-लिस्टर बनने से पहले मैं छोटे शहर से आई लड़की थी।’ कंगना का जन्म एक मार्च 1987 को हिमाचल प्रदेश के मंडी में हुआ था। ‘मैं एक ऐसा बच्चा नहीं थी जो भारतीय माता पिता को चाहिए होता है।’ वह एक रूढ़िवादी, पुरातनपंथी परिवार में पली बढ़ीं जहां पुरुषों के साथ ज्यादा अच्छा बर्ताव हुआ करता है।
पिता को मेरे भाई से बहुत अपेक्षाएं थीं
‘मुझे इस बात की खुशी है कि मेरे पिता को मेरे भाई से बहुत अपेक्षाएं थीं। और मैं वो बनना चाहती थी जिस पर उन्हें गर्व महसूस हो… और साथ ही मैं अपने आप पर खुद भी गर्वित महसूस कर सकूं।’
कंगना से मेडिसिन की पढ़ाई की लेकिन जब वो एक इम्तिहान में सफल नहीं हो सकीं तो अकेले दिल्ली आ गर्इं।
‘परिवार ने मेरे इस फैसले का समर्थन नहीं किया। मेरे परिवार ने मुझे एक आसान विकल्प दिया कि अगर अपने तरीके से चलना है… तो तुम्हें अलग चलना होगा। और तुम किसी तरह की मदद की कोई उम्मीद मत रखना।’
तुमने जो किया अच्छा किया 🙂#DeathOfDemocracy pic.twitter.com/TBZiYytSEw
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) September 9, 2020
थियेटर, मॉडलिंग, फिल्म
दिल्ली में कंगना से एक थियेटर ग्रुप ज्वाइन कर लिया। जब उनकी मॉडलिंग एजेंसी ने उन्हें कैटालॉग शूट के लिए मुंबई भेजा तब उन्होंने अनुराग बसु की फिल्म ‘गैंगस्टर’ के लिए आडिशन दिया।
‘छह महीने बाद फिल्म में यह रोल मिल गया। तब तक मैं मुंबई शिफ्ट हो चुकी थी। मुंबई में मैं एक वीमन होस्टल में फर्श पर सोया करती। जब ‘गैंगस्टर ’रिलीज हुई उस समय मेरी उम्र 19 साल थी।’
फिल्म हिट, संघर्ष जारी
‘गैंगस्टर’ बहुत बड़ी हिट साबित हुई। लेकिन अगले कुछ साल मेरे लिए मुश्किल भरे रहे। मेरी खराब अंग्रेजी के लिए मेरा खूब मजाक बनाया गया। जब मैंने फिल्म इंडस्ट्री में शुरुआत की तो उन्होंने मुझे ऐसे दरकिनार कर दिया जैसे मैं कुछ हूं ही नहीं।’
‘जब मैं मुंबई आई तो उन्होंने मुझे गांव की एक महिला की तरह देखा। जिसका एक्सेंट (उच्चारण) अजीब था और अजीब दिखती थी। मुझे लगता है। लेकिन मैं खुद को वैसे देख पा रही थी।’
‘21 साल की उम्र में मुझे मधुर भंडारकर की फिल्म ‘फैशन’ में एक ड्रग एडिक्ट की भूमिका निभाने के लिए खूब प्रशंसा मिली। इस किरदार को अभिनय में जीवंत करने के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिला।’
‘तनु वेड्स मनु’ से मिली ब्रांड वैल्यू
‘बहुत सारे सीरियस किरदार निभाने के बाद मैंने अपना हाथ कॉमेडी में आजमाना चाहा। कुछ नाकामियों के बाद 2011 में रिलीज हुई ‘तनु वेड्स मनु’ एक बड़ी हिट साबित हुई। बस इसके बाद मेरी ब्रान्ड वैल्यू आसमान छूने लगी।’
‘लेकिन इस सारी कामयाबी के बीच मैंने अपनी धारणाओं को नहीं बदला। उस समय मेरी उम्र छब्बीस साल थी। मैंने एक फेयरनेस (गोरा बनाने वाली) क्रीम का दो करोड़ रुपये का आफर ठुकरा दिया। 27 वर्ष की आयु में उन्होंने विकास बहल की फिल्म ‘क्वीन’ से अपनी कामयाबी का डंका बजवा दिया। बॉक्स आफिस पर इस फिल्म ने 100 करोड़ रुपये का कारोबार किया। किसी महिला किरदार के लीड रोल वाली फिल्म के साथ ऐसा कम ही देखने में आता है।
‘पैसा कुछ नहीं’ मैं ऐसा नहीं कह सकती
‘एक आत्मनिर्भर लड़की होने के नाते मैं हमेशा अपने काम को प्राथमिकता देती हूं। मैं वो सब दार्शनिक बातें नहीं बोलती कि ‘पैसा कुछ नहीं है’। असल चीज ये है कि पैसे की बदौलत ही मैं अपने माता-पिता को अच्छी जिंदगी दे पाई। अपने लिए एक सुरक्षित भविष्य बना पाई। और उन चीजों से जुड़ पाई जिनमें मैं यकीन करती हूं। ये मेरे काम की वजह से है कि मैं अपने लिए कमा पाई… और वो चीजें ले पाई जिनसे मुझे खुशी मिली।’
करन जौहर नेपोटिज्म के ध्वजवाहक
29 साल की उम्र में वो कंट्रोवर्सी (विवाद) में फंस गयीं । उन्होंने और अभिनेता हृतिक रोशन ने एक दूसरे पर आरोप लगाए और कानूनी नोटिस भी भेजे।
30 की हुईं तो फिर से एक विवाद में पड़ गयीं। ये तब की बात है जब वह करन जौहर के शो ‘कॉफी विद करन’ में आयीं । उन्होंने करन जौहर को नेपोटिज्म का ध्वजवाहक बता दिया।
‘इस टिप्पणी के लिए मेरा कई एक्टर्स ने मजाक बनाया। वहीं कई लोगों ने मेरा बचाव भी किया क्योंकि मैंने बॉलीवुड के टैबू टॉपिक (वर्जित विषय) को सामने ला दिया था।’
बुर्का हो या बिकनी… मेरी मर्जी!
‘मैं फिल्म इंडस्ट्री और सामाजिक विषयों के बारे में खुलकर अपनी बात करती रही। कुछ भी पहनने का अधिकार चाहे वह बिकनी का हो या बुर्के का- दोनों में से कोई भी- आपको उसे पहनने का अधिकार होना चाहिए। जिस भी समाज में इन जाहिर सी भी चीजों को कहना पड़े, उसकी हालत अच्छी नहीं होती है।’
‘बाहर जाने का अधिकार भी आपका है। जब भी आप चाहें, जिस भी वक्त आप चाहें। क्या उसके लिए हमें कानून स्थापित करने वाली संस्था की जरूरत पड़ेगी। अधिकारियों के पास जाने या उनसे संपर्क करने की जरूरत पड़ेगी? अभी समाज में ऐसा नहीं है कि महिलाएं अपनी मर्जी से कुछ कर सकें। तो महिलाएं विभिन्न क्षेत्रों में उतना भाग नहीं ले सकतीं जितना वो चाहती हैं।’
रूढ़िवादी चीजों से लड़ाई
‘बड़े होते हुए मुझे लगा कि कुछ सही नहीं है क्योंकि अगर आप किसी माहौल में पैदा होते हैं तो आप नहीं समझ पाते कि अगर आप वहां नहीं होते तो क्या होता। आपको यह नहीं समझ आता कि कुछ ऐसा है जो उचित नहीं है। जब आपने यह नहीं देखा होता कि उचित क्या होता है तो आपको यह नहीं पता होता कि क्या यह सही है कि आपके भाई की परवरिश अलग ढंग से हो और आपकी अलग ढंग से हो। वही परवरिश आपके आसपास की हर महिला को मिली है। इसे सामान्य बात बना दिया गया है।’
‘मैंने पुरुष और महिलाओं के वेतन व पारिश्रमिक में अंतर को लेकर भी खुल कर बोला। हम बहुत ही रूढ़िवादी चीजों से लड़ रहे हैं। एक महिला के तौर पर जैसे काम के लिए एक जैसा पारिश्रमिक, जो कि लड़ने के लिए भी इतनी निंदाजनक बात है।’
राजनीति पर कंगना की दो टूक
वो भारतीय राजनीति के बारे में भी बहुत खुलकर बात करती रही हैं। वो चुनावों के बारे में भी बहुत मुखर रही हैं। 2019 के चुनावों में लोगों को मतदान के लिए प्रेरित करते हुए उन्होंने कहा था:
‘यह हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन है। पांच वर्षांे में एक बार यह दिन आता है। तो कृपया इसका उपयोग कीजिए… और मुझे लग रहा है कि भारत सही मायने में अब आजाद हो रहा है। क्योंकि इससे पहले हम कभी अंग्रेजों, कभी मुगलों, कभी इटली की सरकार के ही गुलाम थे।’
2019 में उन्होंने रणबीर कपूर की आलोचना की थी क्योंकि उन्होंने एक पत्रकार के राजनीति पर पूछे गए सवाल को टाल दिया था।
संजय जी मुझे अभिव्यक्ति की पूरी आज़ादी है
मुझे अपने देश में कहीं भी जाने की आज़ादी है ।
मैं आज़ाद हूँ । pic.twitter.com/773n8XDESI— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) September 6, 2020
‘जब हमारे बॉर्डर पर इतने सारे बच्चे मर रहे हैं, आप सो कैसे जाते हैं… और आपकी हिम्मत कैसे हुई इस लोकतंत्र में ऐसा कहने की कि मेरे से पॉलिटिक्स के बारे में कुछ मत पूछिए। मयंक शेखर को रणबीर कपूर इंटरव्यू दे रहा था। जब रणबीर ने कहा कि मेरे घर में तो बिजली आती है, पानी आता है- तब मयंक ने पलटकर जवाब क्यों नहीं दिया। उसने उसे भगाया क्यों नहीं। आप एक लोकतंत्र में इस सब को कैसे सहन कर रहे हैं। और फिर आप लोग इन्हें अपना रोल मॉडल बनाते हैं। ये कैसे चल सकता है? ये नहीं चल सकता।’
‘मैंने तब भी बोला, जब भारत के लड़ाकू विमानों ने पाकिस्तान में आतंकवादी अड्डों को नष्ट किया। ये हमला 14 फरवरी 2019 को हुए पुलवामा हमले के 12 दिन बाद हुआ था। ये जो है एक नए भारत की शुरुआत है। मुझे लगता है कि हम लोगों का स्टैंड दुनिया के सामने एकदम साफ है। अब हम सब सहते नहीं रहेंगे और वैसा ही जवाब देंगे जैसा बर्ताव हमारे साथ किया जाता है। ये बिल्कुल अच्छी रणनीति है।’
‘32 वर्ष की आयु तक आते आते मैं सबसे ज्यादा कमाने वाली भारतीय अदाकारा बन गई। मेरी फिल्म ‘मणिकर्णिका : द क्वीन आफ झांसी’ ने सौ करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार किया।’
कुछ रिपोर्ट्स की मानें तो उन्हें जयराम जयललिता के जीवन पर बनने वाली फिल्म ‘थलाइवी’ में मुख्य में मुख्य किरदार निभाने के लिए 24 करोड़ रुपये आफर किए गए। ये शायद किसी भी महिला कलाकार के लिए एक फिल्म के लिए आफर की जाने वाली सबसे बड़ी धनराशि है।
आओ उद्धव, आओ करन… लड़ाई जारी है
और अब सुनते हैं आज की कंगना की बात। ‘पंगागर्ल’ से पंगा लेकर महाराष्ट्र सरकार और खासकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे बुरे फंस गए हैं:
Come Udhav Thakeray and Karan Johar Gang you broke my work place come now break my house then break my face and body, I want world to see clearly what you anyway do underhand, whether I live or die I will expose you regardless 🙂
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) September 9, 2020
‘उद्धव ठाकरे और करण जौहर गैंग, आओ तुमने मेरे वर्कप्लेस को तोड़ दिया, अब मेरा घर तोड़ो, फिर मेरा चेहरा और शरीर तोड़ो। मैं चाहती हूं कि दुनिया स्पष्ट रूप से देखे कि आप वैसे भी क्या करते हैं। चाहे मैं जीऊं या मरूं, मैं आपको बेनकाब कर दूंगी। उद्धव ठाकरे ये जो क्रूरता आतंक है…अच्छा हुआ ये मेरे साथ हुआ।’
‘24 घंटों में मेरे आफिस को अचानक अवैध घोषित कर दिया गया। उन्होंने फर्नीचर और लाइटिंग सहित अंदर सब कुछ तबाह कर दिया। अब मुझे धमकी मिल रही है कि वे मेरे घर आएंगे और इसे भी तोड़ देंगे। मुझे खुशी है कि फिल्म माफिया के पसंदीदा ‘दुनिया के सर्वश्रेष्ठ’ मुख्यमंत्री’ का मेरा फैसला सही था।’ (उल्लेखनीय है कि कंगना ने एक ट्वीट में उद्धव ठाकरे को फिल्म माफिया का फेवरेट मुख्यमंत्री कहा था।)
‘उद्धव ठाकरे, तुझे क्या लगता है… कि तूने फिल्म माफिया के साथ मिलकर मेरा घर तोड़ के मुझसे बहुत बड़ा बदला लिया है। याद रखना ये वक्त का पहिया हमेशा एक जैसा नहीं रहता। मुझे लगता है कि तुमने मुझ पर बहुत बड़ा एहसान किया है। आज मेरा घर टूटा है कल तेरा घमंड टूटेगा।’
ये भी पढ़ें