बताया जा रहा है अयोध्या जिले के पुलिस प्रशासन ने धारा 144 लागू होने और पर्यावरण दिवस के मद्देनजर रैली की अनुमति देने से इंकार कर दिया है। अयोध्या में होने वाली रैली के लिए सांसद और उनके समर्थक जोर शोर से तैयारियों में जुटे थे। पूरे मामले पर पुलिस प्रशासन से साथ खुफिया टीमें भी नजर बनाएं हुए थी। शुक्रवार सुबह सांसद बृज भूषण शरण सिंह ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि वर्तमान स्थिति में कुछ राजनीतिक दल विभिन्न स्थानों पर रैलियां कर प्रांतवाद, क्षेत्रवाद और जातीय संघर्ष को बढ़ावा देकर सामाजिक समरसता को भंग करने का प्रयास कर रहे हैं। इसलिए 5 जून को अयोध्या में एक संत सम्मेलन आयोजित करने का निर्णय लिया गया ताकि पूरे समाज में फैल रही बुराई पर विचार किया जा सके। लेकिन अब जबकि पुलिस आरोपों की जांच कर रही है और सुप्रीम कोर्ट के गंभीर निर्देशों का सम्मान करते हुए “जन चेतना महारैली, 5 जून, अयोध्या चलो” कार्यक्रम कुछ दिनों के लिए स्थगित कर दिया गया है।

सांसद ने लिखा है की आपके समर्थन के साथ पिछले 28 वर्षों से लोकसभा के सदस्य के रूप में सेवा की है। मैंने सत्ता और विपक्ष में रहते हुए सभी जातियों, समुदायों और धर्मों के लोगों को एकजुट करने का प्रयास किया है। इन्हीं कारणों से मेरे राजनीतिक विरोधियों और उनकी पार्टियों ने मुझ पर झूठे आरोप लगाए हैं।
बता दें कि प्रस्तावित रैली में अयोध्या के महंत पॉक्सो एक्ट में संशोधन करने की मांग उठाने वाले थे। इस संबंध में आयोजित हुई प्रेस वार्ता में संतों ने कहा था कि कुछ कानून का गलत इस्तेमाल हो रहा है। पांच जून को संत समाज एकत्रित होकर कुछ कानून में संशोधन करने की मांग उठाएंगे। उन्होंने सांसद बृजभूषण शरण सिंह का समर्थन करते हुए कहा कि उन पर जो आरोप लगे हैं, इसमें कुचक्र दिख रहा है।(एएमएपी)



