बता दें कि बसपा ने इस बार लोकसभा चुनाव में किसी भी दल से गठबंधन नहीं किया है। मायावती ने साफ तौर पर कहा था कि बसपा पार्टी अपने ईमानदार कार्यकर्ता के दम पर अकेले चुनाव लड़ेगी। वर्ष 2019 में बसपा ने सपा और रालोद के साथ चुनाव लड़ा था, जिसमें दस सीट पर जीत हासिल की थी। लोकसभा चुनाव के लिए बहुजन समाज पार्टी की ओर से पहली लिस्ट जारी कर दी गई है। इस लिस्ट में कुल 16 नाम हैं। ये सभी नाम पहले और दूसरे चरण के चुनाव के उम्मीदवारों के हैं। मुस्लिम बहुल सीटों पर यूं तो बीएसपी ने मुस्लिम चेहरों को ही उतारा है, लेकिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई ऐसे प्रत्याशी हैं जो दोधारी तलवार की तरह हैं यानी बसपा एनडीए और इंडिया गठबंधन दोनों को टक्कर देगी।
इन उम्मीदवारों का ऐलान
बहुजन समाज पार्टी ने सहारनपुर से माजिद अली, कैराना से श्रीपाल सिंह, मुजफ्फरनगर से दारा सिंह प्रजापति, बिजनौर से विजेन्द्र सिंह, नगीना से सुरेन्द्र पाल सिंह, मुरादाबाद से मोहम्मद इरफान सैफी, रामपुर से जीशान खां, संभल से शौलत अली, अमरोहा से मुजाहिद हुसैन को पार्टी ने टिकट दिया है। इनके अलावा मेरठ से देववृत्त त्यागी, बागपत से प्रवीण बंसल, गौतमबुद्धनगर से राजेन्द्र सिंह सोलंकी, बुलंदशहर, गिरीश चन्द्र जाटव, आंवला से आबिद अली,पीलीभीत से अनीस अहमद खा उर्फ फूलबाबू और शाहजहांपुर से दोदराम वर्मा के नाम पर मुहर लगी है।
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गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के लिहाज से उत्तर प्रदेश देश की सभी राजनीतिक पार्टियों के लिए सबसे अहम राज्य है। यहां से सबसे ज्यादा लोकसभा सीट आती हैं। इसलिए राजनीति में कहावत भी है कि यूपी से ही दिल्ली का सफर तय होता है। यूपी भारत में सबसे अधिक लोकसभा सीटों वाला राज्य है। चुनाव आयोग के मुताबिक, देश में सात चरणों में चुनाव होंगे और 4 जून को मतगणना होगी यानी कि नतीजे आएंगे। 19 अप्रैल को पहले चरण का मतदान, 26 अप्रैल को दूसरे चरण का, 7 मई को तीसरा चरण, 13 मई को चौथा चरण, 20 मई को पांचवां चरण, 25 को मई छठा चरण और 1 जून को सातवां यानि आखिरी चरण का मतदान होगा। (एएमएपी)