पंजाब के किसान संगठनों के दिल्ली कूच का असर किचन से लेकर कारोबार तक पड़ रहा है। किसानों को पंजाब में ही रोकने के लिए प्रदेश सरकार ने सोमवार को सभी बॉर्डर पूरी तरह से बंद कर दिए हैं। सभी जिलों से पंजाब जाने वाली बसें बंद कर दी गई हैं। तीन दिन से बंद अंबाला-अमृतसर नेशनल हाईवे के बाद अब हिमाचल और हिसार-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे को भी सील कर दिया गया है। दिल्ली के टीकरी बॉर्डर के बाद कुंडली बॉर्डर से भारी वाहनों का आवागमन बंद हो गया। इससे दिल्ली, पंजाब और हिमाचल से आने वाली सब्जियां, फल और अन्य राशन का सामान आयात-निर्यात नहीं हो पा रहा है। किसान आंदोलन के चलते ट्रांसपोर्टेशन प्रभावित होने से देश के बाजार को रोजाना हजारों करोड़ों का नुकसान होने की संभावना है। ऐसे में अगर कोई हल नहीं निकला तो अर्थव्यवस्था को गहरी चोट पहुंचने का डर है।
सैकड़ों ट्रक रास्तों में फंसे
पंजाब और उसके रास्ते दिल्ली आने वाले सैकड़ों ट्रक रास्तों में फंसे हुए हैं। जालंधर से नौ फरवरी को निकले ट्रक अभी तक दिल्ली नहीं पहुंच पाए। 2 दिनों में ही लुधियाना के अंदर 4 हजार से ज्यादा ट्रकों के पहिए थम गए हैं। इनमें करोड़ों रुपए का कपड़ा, अलोहा, हैंडटूल, सिलाई मशीन और स्पोर्ट्स गुड्स जैसी आइटमें भरी पड़ी हैं, जो दिल्ली के रास्ते से होते हुए गुजरात, महाराष्ट्र, ओडिशा और कोलकाता को जानी है। किसान आंदोलन से रोजाना 500 करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित होने की आशंका है।
#WATCH | Delhi | Drone visuals show the security arrangements at Tikri Border, in view of the farmers’ protest. pic.twitter.com/FJXyQtWbdY
— ANI (@ANI) February 14, 2024
ट्रक मालिकों की बढ़ी सबसे ज्यादा समस्या
किसान आंदोलन की वजह से ट्रक मालिकों की सबसे ज्यादा समस्या बढ़ गई है। खास तौर पर जिन ट्रक मालिकों ने गाड़ियों में माल भर रखा है अब वह न तो उसे ग्राहकों को वापस कर सकते हैं और न ही उनका माल अब गंतव्य तक पहुंचा सकते हैं, इसलिए उन्होंने भरे हुए ट्रैकों को ट्रांसपोर्ट नगर में एक साइड पर लगाकर खड़ा कर दिया है। हालांकि ट्रक बठिंडा से होते हुए महाराष्ट्र को जा सकते हैं लेकिन रास्ता लंबा पढ़ने की वजह से ट्रक का खर्चा दोगुना पड़ेगा और ग्राहक इतने पैसे देने को तैयार नहीं हैं।
कंपनियों के मालिक भी चिंतित
उधर, जिन कंपनियों ने दूसरे राज्यों में भेजने के लिए ट्रकों में माल लोड करवा रखा है उनकी भी समस्या काफी बढ़ गई है। मौसम के बदलते मिजाज के कारण मॉइश्चर काफी अधिक आता है जिससे स्पोर्ट्स गुड्स की आइटम्स खराब होने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए इन कंपनियों के मालिक भी काफी चिंतित हैं। कॉमर्स चैंबर के प्रधान उपकार सिंह आहूजा कहते हैं कि अगर यह आंदोलन लंबा चला तो उन्हें डिस्पैच के साथ-साथ उत्पादन भी धीमा करना पड़ेगा। इसका सीधा असर कंपनियों में काम करने वाली लेबर पर भी पड़ेगा।
#WATCH | Delhi: Union Minister Arjun Munda who is also negotiating with farmer leaders speaks on Farmers’ protest.
He says, “…I would like to urge all the leaders from different farmers’ organizations to cooperate and communicate so that the common people shouldn’t have to… pic.twitter.com/vcrg0YaY4Y
— ANI (@ANI) February 14, 2024
ट्रांसपोर्टर और ट्रक ड्राइवर बोले- खाने के पड़ जाएंगे लाले
ट्रांसपोर्टर सुरेंद्र सिंह अलवर और गुरप्रीत सिंह ने बताया कि उनकी ट्रांसपोर्ट की करीब 50 गाड़ियां एक लाइन में खड़ी हैं जो कि कहीं भी जाने के लायक नहीं हैं। इन सभी में माल भरा पड़ा है। जिन कंपनियों का माल है, उन्हें कहा जाता है कि अगर इसे दूसरे लंबे रास्ते से भेज दिया जाए तो क्या वह इसका अधिक किराया अदा करेंगे तो वह इस पर साफ इंकार करते हैं। इसलिए ट्रकों को ट्रांसपोर्ट नगर में लाकर खड़ा कर दिया गया है।
ट्रांसपोर्टर का ट्रक एक या दो दिन के लिए बिना काम के खड़ा हो जाए तो उसे आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि उसे हर महीने किस्त अदा करनी होती है। अब अगर आंदोलन लंबा चला तो इस महीने की किस्त जेब से भरनी पड़ेगी। दूसरी ओर दिहाड़ीदार मजदूरों और ट्रक ड्राइवरों का कहना है कि अगर यह आंदोलन लंबा खिंचा तो उन्हें खाने-पीने के लाले पड़ जाएंगे।
#WATCH | Farmers’ protest | Tear gas shells fired to disperse the agitating farmers who were approaching the Police barricade.
Visuals from Shambhu Border. pic.twitter.com/AnROqRZfTQ
— ANI (@ANI) February 14, 2024
कीमतों पर दिखेगा असर
दिल्ली में पंजाब, उत्तर-पूर्वी हरियाणा, हिमाचल और जम्मू कश्मीर से बड़ी संख्या में फल और सब्जियों की सप्लाई होती है। पंजाब में किसानों के कूच के बीच फल और सब्जियों को दिल्ली पहुंचने में समय लग रहा है। ट्रकों को काफी घूमकर आना पड़ रहा है। अगर यही सिलसिला रहता है तो आने वाले तीन से चार दिनों में फल और सब्जियों की कीमतों में असर देखने को मिलेगा, क्योंकि ट्रांसपोर्टर मालभाड़ा बढ़ाने की तैयारी कर रहे हैं। जाहिर है कि जब रूट लंबा होगा तो वो मालभाड़ा बढ़ाएंगे, जिससे कीमतें भी बढ़ेंगी।
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500 करोड़ का नुकसान
भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के महासचिव हेमंत गुप्ता के मुताबिक, पंजाब के रास्ते बड़ी मात्रा में सामान दिल्ली और देश के बाकी हिस्सों में जाता है। किसानों के सड़कों पर आने से मोटे तौर पर अनुमान है कि प्रतिदिन करीब 500 करोड़ रुपये का लेनदेन प्रभावित होगा, जिसमें आर्थिक नुकसान भी काफी ज्यादा होगा, क्योंकि आज के समय पर किसी भी सामान की समय पर आपूर्ति सबसे जरूरी है।(एएमएपी)