राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत कई शहरों में बढ़ाई गई सुरक्षा

केंद्र सरकार ने सीएए यानि नागरिकता संशोधन कानून लागू कर दिया है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सोमवार शाम को इसे लागू करने की घोषणा की। सीएए कानून को पारित किए जाने के चार साल बाद केंद्र के इस कदम के कारण पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आने वाले गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता प्रदान करने का रास्ता साफ हो गया है। हालांकि कानून के लागू होते ही देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो रहे हैं।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत कई शहरों में सुरक्षा और मुस्तैदी बढ़ा दी है। इस बीच, ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन बेरलवी ने सीएए का स्वागत किया है और इसे देर से ही सही लेकिन एक दुरुस्त फैसला करार दिया है।

इस कानून का मुसलमानों से कोई लेना-देना नहीं

मौलाना शहाबुद्दीन बरेलवी ने मुसलमानों से नहीं डरने की अपील की है और कहा है कि इस कानून से किसी भी मुसलमान की नागरिकता  पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा, “ये कानून बहुत पहले लागू हो जाना चाहिए था। खैर, देर आए, दुरुस्त आए।” बरेलवी ने इस कानून की बारीकियों को समझाते हुए कहा कि देश में रह रहे मुसलमानों की नागरिकता पर कोई असर नहीं पड़ेगा। बरेलवी ने कहा कि जो लोग डर रहे हैं या जिन लोगों को इस कानून को  लेकर गलतफहमियां हैं, वे सभी बेबुनियाद हैं। उन्होंने कहा कि इस कानून का मुसलमानों से कोई लेना-देना नहीं है।

हर मुसलमान को सीएए का स्वागत करना चाहिए

बरेलवी ने कहा कि पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले गैर-मुसलमानों को नागरिकता प्रदान करने के लिए कोई कानून नहीं था, जिन्हें धर्म के आधार पर अत्याचार का सामना करना पड़ा था लेकिन ऐसे गैर मुस्लिम शरणार्थियों को अब नागरिकता मिल सकेगी और उन्हें अत्याचार से मुक्ति भी मिल सकेगी। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष ने कहा कि यह कानून देश के किसी भी मुस्लिम की नागरिकता नहीं छीनने वाला है। पिछले वर्षों में देखा गया है कि विरोध प्रदर्शन हुए थे, ऐसा गलतफहमियों की वजह से हुआ था। कुछ राजनीतिक लोगों ने मुसलमानों के बीच गलतफहमियां पैदा कीं थीं। उन्होंने कहा कि भारत के हर मुसलमान को सीएए का स्वागत करना चाहिए।

असम में सीएए के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन शुरू

असम में विपक्षी दलों ने सोमवार को सीएए लागू करने पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार की आलोचना की। वहीं, राज्यभर में सीएए के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दलों के एक समूह और प्रभावशाली ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (एएएसयू) सहित लगभग 30 छात्र संगठनों और स्वदेशी निकायों ने नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज करने का फैसला किया है। ज्ञात हो कि असम में दिसंबर 2019 में विवादास्पद कानून के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन देखा गया था। इसके बाद पुलिस कार्रवाई में 5 लोगों की मौत हो गई थी। कई स्वदेशी समूहों में यह डर है कि सीएए लागू होने के बाद, इससे राज्य में अवैध अप्रवासियों की आमद बढ़ जाएगी, खासकर बांग्लादेश से आने वालों की संख्या में बढ़ोत्तरी होगी।

जामिया मिल्लिया इस्लामिया में प्रदर्शन शुरू

सीएए लागू किए जाने के कुछ घंटों बाद दिल्ली स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया में विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया, जिसके कारण परिसर में भारी पुलिस तैनात किया गया। मुस्लिम स्टूडेंट्स फेडरेशन (एमएसएफ) की अगुवाई में विद्यार्थियों के एक समूह ने मोदी सरकार और दिल्ली पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। कांग्रेस से संबद्ध भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई) ने भी सीएए लागू किये जाने का विरोध किया। परिसर के बाहर भीड़ को जमा होने से रोकने के लिए जामिया परिसर के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है। जामिया के कार्यवाहक कुलपति इकबाल हुसैन ने कहा, ”हमने परिसर में किसी भी तरह के आंदोलन को रोकने के लिए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। परिसर के पास विद्यार्थियों या बाहरी लोगों को सीएए के खिलाफ किसी भी तरह का विरोध-प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी जाएगी।”

ममता बनर्जी भी विरोध में

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि अगर सीएए लोगों के समूहों के साथ भेदभाव करता है, तो वह इसका विरोध करेंगी। सीएए और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) को पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर के लिए संवेदनशील करार देते हुए बनर्जी ने कहा कि वह लोकसभा चुनाव से पहले अशांति नहीं चाहती हैं। बनर्जी ने कहा कि ऐसी खबरें हैं कि सीएए को अधिसूचित किया जाएगा। मैं यह स्पष्ट कर दूं कि हम लोगों के साथ भेदभाव करने वाली किसी भी चीज का विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें (केंद्र) नियम सामने आने दीजिए, फिर हम नियमों को पढ़ने के बाद इस मुद्दे पर बात करेंगे।

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गौतमबुद्धनगर जिला पुलिस अलर्ट पर

सीएए लागू करने की अधिसूचना जारी होने के बाद गौतमबुद्धनगर पुलिस अलर्ट मोड पर है। तीनों जोन के पुलिस उपायुक्तों (डीसीपी) ने सोमवार शाम को पुलिसबल के साथ अलग-अलग जगहों पर पैदल मार्च किया। अधिकारियों ने बताया कि संवेदनशील जगहों पर अतिरिक्त पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है तथा इन इलाकों में पुलिस ने गश्त बढ़ा दी है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में पुलिस सभी धर्म गुरुओं के साथ पहले ही बैठक कर चुकी है तथा कई जगह पर सादे कपड़ों में भी पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। नोएडा जोन के डीसीपी विद्या सागर मिश्रा ने बताया कि शहर के कई हिस्सों में ड्रोन कैमरे से भी निगरानी की जा रही है तथा शहर को ‘जोन’ और ‘सुपरजोन’ में बांटा गया है। उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया पर नजर रखने के लिए दो दल गठित किए गए हैं । (एएमएपी)