किसान आंदोलन को लेकर कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से आग्रह किया है कि किसानों के साथ होने वाली वार्ता में व्यापारी संगठनों को भी शामिल किया जाए। इस मुद्दे पर कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने केंद्रीय मंत्री एवं किसानों के साथ चल रही बातचीत में अहम भूमिका निभा रहे पीयूष गोयल को पत्र लिखा है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से मांग की है कि किसानों के साथ हो रही वार्ता में व्यापारी, ट्रांसपोर्टर एवं उपभोक्ताओं को भी शामिल किया जाए।

पीयूष गोयल को भेजा पत्र

कारोबारी संगठन कैट के राष्ट्रीय महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने गुरुवार को जारी बयान में कहा कि किसानों के आंदोलन से व्यापार को हो रही परेशानियों के मद्देनजर केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को एक पत्र भेजा है। खंडेलवाल ने कहा कि कैट ने किसानों के साथ होने वाली वार्ता में व्यापारियों, ट्रांसपोर्टर और उपभोक्ता सहित किसानी से संबंधित अन्य क्षेत्रों के प्रमुख संगठनों को भी शामिल करने की मांग की है।

क्‍या बोले कैट के राष्ट्रीय महामंत्री?

खंडेलवाल ने कहा कि किसान संगठनों के साथ किसी भी बातचीत अथवा समझौते का असर इन सभी वर्गों पर पड़ता है। यदि किसान घाटे की खेती कर रहा है तो उसकी खेती को लाभ में बदलने की जिम्मेदारी सामूहिक रूप से सबकी है। कैट महामंत्री ने कहा कि सभी को मिलकर इसका समाधान निकालना चाहिए। उन्होंने कहा कि केवल केंद्र सरकार पर इसका ठीकरा फोड़ने की राजनीति से किसानों का कोई हित नहीं होने वाला है। खंडेलवाल ने कहा कि इस पत्र की प्रति केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा एवं केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय को भी भेजी गई है, जो पीयूष गोयल के साथ किसानों से वार्ता कर रहे हैं।

पत्र भेजने के पीछे ये है कारण

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया एवं राष्ट्रीय महासचिव प्रवीन खंडेलवाल ने यह भी सुझाव दिया कि वर्तमान में जो आंदोलन चल रहा है वह प्रकट रूप में केवल पंजाब के किसानों का है जबकि देश के अन्य विभिन्न राज्यों में पंजाब से अधिक खेती होती है। इस दृष्टि से किसानों की समस्या के स्थायी समाधान के लिए देश के सभी 5-6 प्रमुख किंतु प्रामाणिक किसान संगठनों को भी बातचीत में शामिल किया जाये, जिससे बार-बार किसानों द्वारा आंदोलन करने की प्रवृति पर रोक लगे और एक ही बार में स्थायी समाधान हो। बार-बार किसान आंदोलन से व्यापार बुरी तरह प्रभावित होता है। वहीं जन सामान्य की अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

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प्रधानमंत्री मोदी को धमकी देना निंदनीय

खंडेलवाल ने कहा कि जिस प्रकार आंदोलनकारी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मारने की खुलेआम धमकी देने के साथ असभ्य भाषा का प्रयोग कर रहे हैं, वो बेहद निंदनीय है। यह किसी भी हालत में स्वीकार नहीं है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से इस मामले का तुरंत स्वतः संज्ञान लेकर ऐसे सभी व्यक्तियों के खिलाफ अविलंब कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। कैट महामंत्री ने एमएसपी देने की जोरदार वकालत कर रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी, मुख्यमंत्री भगवंत मान और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से सबसे पहले कर्नाटक, पंजाब तथा पश्चिम बंगाल के किसानों को राज्य सरकार की ओर से एमएसपी की गारंटी देने की मांग की है, जो उनके अधिकार क्षेत्र में आता है। इसके लिए उन्हें केंद्र सरकार से स्वीकृति लेने की जरूरत नहीं है। (एएमएपी)