3,250 करोड़ रुपये के लोन पास करने का है मामला
आपको बता दें कि बैंक ने मई 2018 में वीडियोकॉन ग्रुप को 3,250 करोड़ रुपये के लोन देने में कोचर की कथित भूमिका के बारे में शिकायत मिलने के बाद उनके खिलाफ जांच शुरू की थी। कर्ज देने से चंदा कोचर के पति दीपक कोचर को फायदा हुआ था। इसके बाद कोचर छुट्टी पर चली गईं और समयपूर्व सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन किया, जिसे स्वीकार कर लिया गया। बाद में उन्हें बर्खास्त कर दिया गया। चंदा कोचर पर भेदभाव और वीडियोकॉन ग्रुप को फायदा पहुंचाने के आरोप हैं।
चंदा कोचर पर 2009 और 2011 के बीच वीडियोकॉन समूह के प्रमोटर वेणुगोपाल धूत को लोन देने में आईसीआईसीआई बैंक में अपने पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया गया था। यह आरोप लगाया गया था कि वेणुगोपाल धूत ने आईसीआईसीआई बैंक से ऋण प्राप्त करने के बाद Nupower Renewables में करोड़ों का निवेश किया था। सीबीआई ने 2019 में प्राथमिकी दर्ज करने के बाद एक बयान में कहा था कि आरोपियों ने आईसीआईसीआई बैंक को धोखा देने के लिए आपराधिक साजिश में निजी कंपनियों को कुछ लोन मंजूर किए थे। बता दें कि चंदा कोचर को इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इसी मामले में 2021 में गिरफ्तार किया था।
हाल ही में बॉम्बे हाईकोर्ट ने चंदा कोचर की सीईओ पद से बर्खास्तगी को ‘वैध’ करार दिया है। इसके साथ ही अदालत ने सेवानिवृत्ति के बाद के लाभ के लिए उनके अंतरिम आवेदन को भी खारिज कर दिया। (एएमएपी)