शेखर कपूर ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का समर्थन किया।

देश विदेश में विख्यात फिल्मकार शेखर कपूर ने भारत के सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश का समर्थन किया कि एडवर्टाईजर्स और एंडोर्सर्स को कंज्यूमर प्रोडक्ट्स को एंडोर्स करते समय जिम्मेदारी से काम करना चाहिए, क्योंकि वे मिसलीडिंग एडवर्टिजमेंट्स जारी करने के लिए समान रूप से जिम्मेदार हैं। बॉलीवुड हंगामा न्यूज़ नेटवर्क के अनुसार अदालत ने यह भी कहा कि किसी कंज्यूमर प्रोडक्ट का समर्थन करते समय सेलिब्रिटीज और पब्लिक फिगर्स के लिए जिम्मेदारी से कार्य करना अनिवार्य है।

शेखर कपूर ने सोशल मीडिया पर लिखा “फाइनली! भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कंज्यूमर प्रोडक्ट्स को एंडोर्स करने वाले व्यक्तित्वों का यह सुनिश्चित करने का कर्तव्य है कि प्रोडक्ट कंज्यूमर के लिए मिसलीडिंग या हानिकारक न हों। तो, आइए कोला और सुगरी ड्रिंक्स से शुरुआत करें जो स्वास्थ्य के लिए खतरा है। इसको ऐसे समझते हैं कि यदि 10% भारतीयों को डायबटीज है तो, 50% डायबटिक्स मरीज को नहीं पता कि उन्हें यह है और ये सुगरी ड्रिक से आसानी से होता है। कोला और दूसरे सुगरी ड्रिंक्स को प्रमोट करने वाले व्यक्तित्वों को अब यह सोचना चाहिए कि कोला स्वास्थ्य के लिए बहुत बड़ा खतरनाक है ।”

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर, कपूर ने एक सोशल मीडिया यूजर के रिस्पांस में अपने विचार साझा किये, “यदि आप किसी प्रोडक्ट या कंपनी को एंडोर्स कर रहे हैं, और आप एक पब्लिक फिगर हैं, जो लोगों को प्रभावित कर सकते हैं, तो यह माना जाना चाहिए कि आप जिसको एंडोर्स कर रहे हैं उस पर आप विश्वास करते हैं।” जैसे ही कपूर ने हाल ही में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अपनी राय साझा की, उनके फैंस और फॉलोवर्स ने उन ब्रांडों की ओर ध्यान आकर्षित किया, जिन्हें अपने प्रोडक्ट्स की जिम्मेदारी लेने की जरूरत है।

वर्क फ़्रंट की बात करें तो, कपूर मासूम – द नेक्स्ट जेनरेशन की रिलीज के लिए तैयार हैं, जो उनकी बेटी कावेरी कपूर का एक्टिंग डेब्यू है। यह फिल्म घर के विचार पर आधारित है। कपूर ने पहले एक इंटरव्यू में कहा था, “मासूम इंसान होने की सादगी और इंसान होने की जटिलता, लेकिन इंसान बने रहने और इंसान होने की कहानी की ओर लौटने का एक तरीका है।” 1983 में शेखर कपूर द्वारा निर्देशित ओरिजिनल फिल्म ‘मासूम’ को भारतीय सिनेमा में कई पुरस्कार और सम्मान मिला।