प्रकृति ने चमोली पर अपना सब कुछ न्योछावर किया है। यहां के प्राकृतिक सौन्दर्य से लेकर तीर्थाटन, पर्यटन, आध्यात्म के लिए चमोली पर्यटकों की पहली पसंद हैं। इस कारण से हर कोई यहां बरबस ही खींचा चला आता है।अब उत्तराखंड का चमोली जनपद साहसिक पर्यटन को लेकर पर्यटकों की पहली पसंद बनता जा रहा है। चमोली का देवाल ब्‍लॉक साहसिक पर्यटन के लिए अपनी अलग पहचान बनाने की ओर अग्रसर हो चला है, जिसके अंतर्गत देवाल के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल लोहाजंग में हाई एल्टीट्यूड जिपलाइन (हिमालयन जिपफ्लाई) का शुभारंभ हो गया है। अब आने वाले दिनों में साहसिक पर्यटन और रोमांच के शौकीनों के लिए लोहाजंग प्रमुख पर्यटन स्थल बनने वाला है। वर्तमान में लोहाजंग ब्रह्मताल, भेकलताल, बेदनी बुग्याल, रूपकुंड ट्रैक, मोनाल ट्रैक, हिलकोट ट्रैक, ऑली बुग्याल का बेस कैंप है, जिस कारण पर्यटन से यहां लोगों का रोजगार जुड़ा हुआ है। अब यहां जिपलाइन बनने से पर्यटन और भी बढ़ने की संभावना है।

ये है लोहाजंग का हिमालयन जिपलाइन

ग्राम सभा मुंदोली की प्रेमा देवी हिमालयन जिपलाइन की संचालिका है। इनके पति गब्बर सिंह भारतीय सेना में कार्यरत हैं। यह जिपलाइन 7800 फीट की ऊंचाई पर बना है जिसकी लंबाई आठ सौ मीटर और गहराई 130 मीटर है। प्रेमा देवी कहती हैं कि हिमालयन जिपलाइन का उद्देश्य उत्तराखंड में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देना और रोजगार के नये अवसरों का सृजन करना है। महिलाएं भी पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार के अवसर को सृजित कर सकती है। अभी तो एक छोटी कोशिश भर की है।

गढ़भूमि एडवेंचर के सीईओ हीरा सिंह गढ़वाली कहते हैं कि लोहाजंग जैसे स्थान पर जिपलाइन का बनना भविष्य में पर्यटन की गतिविधियों को बढावा देगा जिससे स्थानीय लोगो को रोजगार के अवसर मिलेंगे। साथ ही पर्यटक साल भर हिमालय के विभिन्न नजारों का लुत्फ ले सकेंगे। हिमालय को करीब से जानने वालों के लिए ये जिपलाइन किसी रोमांच से कम नहीं है। इस जिपलाइन से पर्यटकों को हिमालय की हिमाच्छादित चोटियों, बुग्यालों, जंगल, पेड़ों, जंगली जानवरों, पक्षियों के दीदार होंगे। उत्तराखंड में अभी तक देहरादून, मसूरी, शिवपुरी ऋषिकेश में ही जिपलाइन में पर्यटक रोमांच का आनंद लेते हैं। अब पहाडों में भी जिपलाइन से हवा में उड़ान भर सकेंगे पर्यटक। (एएमएपी)