Delhi Environment Minister Gopal Rai gives directions to Chief Secretary Naresh Kumar regarding ‘artificial rain’ in the city. The Delhi Government is ready to bear the cost of Rs 13 Crores for the two-phase pilot study. The Secretary has been directed to prepare a proposal in… pic.twitter.com/54LIKkoNAc
— ANI (@ANI) November 9, 2023
मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के चलते अगले दो दिनों में जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड में बारिश की संभावना है। इसका असर मैदानी इलाकों में भी देखा जा सकता है। यानी 10 नवंबर को पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली में हल्की बारिश हो सकती है। इसके साथ 10 नवंबर के बाद अगले दो दिनों तक हवा की रफ्तार तेज रहेगी।
दक्षिणी प्रायद्वीप में अगले दो दिनों तक भारी बारिश होने की संभावना जताई गई है। अगले 24 घंटे में तमिलनाडु, केरल, गोवा, तटीय कर्नाटक में भारी बारिश की संभावना है। 11 नवंबर से इन राज्यों में बारिश कम होनी शुरू हो जाएगी। इसके साथ पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में भी बर्फ बारी की संभावना जताई है। यानी 8 से 10 नवंबर तक जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश में बारिश होने की संभावना है।
दिल्ली में मामूली राहत के आसार
दिल्ली में शुक्रवार सुबह वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की गई। हालांकि, मौसम की स्थिति अनुकूल होने की संभावनाओं के मद्देनजर शहर में दिवाली से ठीक पहले प्रदूषण के स्तर में मामूली कमी आने की उम्मीद जताई जा रही है। दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बृहस्पतिवार सुबह आठ बजे 420 दर्ज किया गया, जबकि बुधवार शाम चार बजे यह 426 था। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा तैयार एक्यूआई मानचित्र में उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में कई जगहों पर लाल बिंदू (खतरनाक वायु गुणवत्ता का संकेत) दिखाए गए हैं। दिल्ली के पड़ोसी शहर गाजियाबाद में एक्यूआई 369, गुरुग्राम में 396, नोएडा में 394, ग्रेटर नोएडा में 450 और फरीदाबाद में 413 दर्ज किया गया।
मप्र में कांग्रेस पर बरसे पीएम मोदी, नीतीश कुमार के बयान को बताया शर्मनाक
आईएमडी के अधिकारियों के मुताबिक, एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के कारण हवा की दिशा उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व की तरफ बदलने से भारत के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में पराली जलाने से निकलने वाले धुएं के योगदान को कम करने में मदद मिलेगी। हालांकि, हवा की धीमी गति इस प्रक्रिया पर विपरीत असर डालेगी। अधिकारियों ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के गुजरने के बाद हवा की गति मौजूदा समय में लगभग पांच से छह किलोमीटर प्रति घंटे से बढ़कर 11 नवंबर को लगभग 15 किलोमीटर प्रति घंटे हो जाएगी, जिससे दिवाली से पहले प्रदूषक तत्वों को तितर-बितर करने में मदद मिलेगी।(एएमएपी)