एक दिन वो भी आएगा जब बच्चे कहेंगे कि चंदा मामा एक टूर के : पीएम मोदी
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत ही नहीं दुनिया को इस पल का इंतजार था। आज पूरा देश, हर भारतवासी इस पल का आनंद उठा रहा है। मैं इस उपलब्धि के लिए इसरो और देश के हर वैज्ञानिक को बधाई देता हूं। इसलिए क्योंकि इन्होंने इस पल के लिए वर्षों से इस पल का इंतजार किया है। मैं इस भावुकता से भरे इस पल के लिए देश के 140 करोड़ देशवासियों को भी कोटि-कोटि बधाई देता हूं। हमारे वैज्ञानिकों के परीश्रम से भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचा है, जहां दुनिया का कोई भी देश नहीं पहुंच सका है। आज के बाद से चांद से जुड़े मिथक और कहानियां बदल जाएंगे और नई पीढ़ी के लिए कहावतें भी बदल जाएंगी। पीएम मोदी ने कहा कि हम भारतवासी धरती को मां और चांद को मामा बुलाते हैं। बहुत पहले कहा जाता था कि चंदा मामा दूर के हैं। लेकिन, एक दिन वो भी आएगा जब बच्चे कहेंगे कि चंदा मामा एक टूर के हैं।
Historic day for India’s space sector. Congratulations to @isro for the remarkable success of Chandrayaan-3 lunar mission. https://t.co/F1UrgJklfp
— Narendra Modi (@narendramodi) August 23, 2023
इसरो में उत्सव का माहौल
चंद्रयान-3 ने चंद्रमा के दक्षिण पोल पर परचम फहरा दिया है। इसके साथ ही पूरी दुनिया भारत को सलाम कर रही है। चंद्रयान-3 लैंडर मॉड्यूल की सफल सॉफ्ट लैंडिंग के बाद बेंगलुरु में इसरो के मिशन ऑपरेशन्स कॉम्प्लैक्स में उत्सव का माहौल है। इसरो ने ट्वीट करते हुए कहा कि चंद्रयान 3 अपने लक्ष्य तक पहुंच गया। इसके साथ ही भारत के लोग भी चांद पर पहुंच गए हैं। इसरो ने भारतीयों को बधाई भी दी। चंद्रयान-3 मिशन के परियोजना निदेशक पी. वीरमुथुवेल ने कहा कि हम चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास जाने वाले पहले देश बन गए हैं।
यह विजय हमारे भारत के नव-उत्थान की है : डॉ. कुमार विश्वास
देश के प्रख्यात कवि डॉ. कुमार विश्वास ने अपने ही अनोखे अंदाज में चंद्रयान-3 की सफलता के लिए वैज्ञानिकों को बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट के माध्यम से लिखा कि “यह विजय हमारे भारत के नव-उत्थान की है। यह विजय हमारे @isro वैज्ञानिकों के अपरिमेय ज्ञान की है। यह विजय हमारे शासन के अपरिमित श्रम दान की है। यह विजय हमारी स्वातंत्र्य-चेतना के स्वाभिमान की है। यह विजय हमारी आन-बान-शान की है। यह विजय विश्व के आदि-गुरु हिंदुस्तान की है। गर्व है @isro ।
Congratulations for attaining the truth of time 🇮🇳💪🏼 Now here is loud Mr. Fasad 🇮🇳❤️🙏 https://t.co/kq2RreVKpn pic.twitter.com/GbRE8ByIGW
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) August 23, 2023
इसलिए साउथ पोल पर उतरना था चैलेंजिंग
गौरतलब है कि साउथ पोल पर चंद्रयान-3 की लैंडिंग अपने आप में काफी महत्वपूर्ण है। चांद के इस हिस्से में काफी ज्यादा अंधेरा होता है, इसलिए किसी देश ने अभी तक यहां अपने यान की लैंडिंग नहीं कराई थी। हालांकि 10 जनवरी 1968 अमेरिका ने इस दिशा में कोशिश जरूर की थी। लेकिन अमेरिका के सर्वेयर-7 स्पेसक्राफ्ट ने दक्षिणी पोल पर उस जगह से काफी दूरी लैंड किया था, जहां आज चंद्रयान-3 ने लैंडिंग की है।
अब क्या-क्या शोध करेगा प्रज्ञान रोवर
भारत का चंद्रयान-3 मिशन अब तक के मिशनों से अलग है। इस मिशन से व्यापक भौगौलिक, मौसम सम्बन्धी अध्ययन और चंद्रयान-1 द्वारा खोजे गए खनिजों का विश्लेषण करके चंद्रमा के अस्तित्त्व में आने और उसके क्रमिक विकास की और ज़्यादा जानकारी मिल पाएगी। चंद्रमा पर रहने के दौरान कई और परीक्षण भी किये जाएंगे, जिनमें चांद पर पानी होने की पुष्टि और वहां अनूठी रासायनिक संरचना वाली नई किस्म की चट्टानों का विश्लेषण शामिल हैं। चंद्रयान-3 से चांद की भौगोलिक संरचना, भूकम्पीय स्थिति, खनिजों की मौजूदगी और उनके वितरण का पता लगाने, सतह की रासायनिक संरचना, ऊपर मिट्टी की ताप भौतिकी विशेषताओं का अध्ययन करके चन्द्रमा के अस्तित्व में आने तथा उसके क्रमिक विकास के बारे में नई जानकारियां मिल सकेंगी।
क्या है रोवर प्रज्ञान
चंद्रयान-3 का रोवर प्रज्ञान 6-पहिए वाला एक रोबोट वाहन है, जो संस्कृत में ‘ज्ञान’ शब्द से लिया गया है। रोवर प्रज्ञान 500 मीटर (½ आधा किलोमीटर) तक यात्रा कर सकता है और सौर ऊर्जा की मदद से काम करता है। यह सिर्फ लैंडर के साथ संवाद कर सकता है। चांद की सतह पर लैंडिंग के करीब 2 घंटे के बाद विक्रम लैंडर का रैंप खुलेगा। इसी के जरिए 6 पहियों वाला प्रज्ञान रोवर चांद की सतह पर उतरेगा। इसी के जरिए चंद्रमा के दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र के अब तक के अछूते भाग के बारे में जानकारी मिलेगी। इसका वजन 27 किलोग्राम और विद्युत उत्पादन क्षमता 50 वॉट है। यह चांद की सतह पर मौजूद पानी या बाकी तत्वों का बारीकी से परीक्षण करेगा।(एएमएपी)