मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना में अब 25 लाख तक की सहायता, राज्य सरकार ने जारी किया आदेश।

आप चाहे ग्रामीण इलाकों में रहते हैं या फिर शहरी क्षेत्र में, अगर आप किसी सरकारी योजना के लिए पात्र हैं तो आप इसका लाभ ले सकते हैं। बस आपको योजना की प्रक्रिया को पूरा करना होता है और कुछ दस्तावेजों की मदद से आप आवेदन करके लाभ ले सकते हैं। जैसे- केंद्र की’आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, छत्तीसगढ़ सरकार की मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना ।आयुष्मान भारत राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना है, जो 10 करोड़ से अधिक गरीब और कमजोर परिवारों (लगभग 50 करोड़ लाभार्थियों) को कवर करती है, जो माध्यमिक और तृतीयक देखभाल अस्पताल में भर्ती के लिए प्रति परिवार प्रति वर्ष 5 लाख रुपये तक का कवरेज प्रदान कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में शुरू की गई इस क्रांतिकारी योजना का प्रभाव आज देश भर के सभी राज्य भले ही वह फिर भाजपा शास आईटी नहीं हो शासित नहीं हो उन पर भी पढ़ रहा है इस मामले में छत्तीसगढ़ सरकार ने एक बड़ी पहल की है और स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के अंतर्गत अब राज्य के पात्र परिवारों को 25 लाख रुपए तक की सहायता राशि देने का ऐलान किया है। पहले इस योजना के तहत चिन्हित दुर्लभ बीमारियों के इलाज के लिए मरीजों को अधिकतम 20 लाख रुपए तक की ही राशि दी जाती थी।

इस संबंध में उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा के विगत मानसून सत्र में अनुपूरक बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत दी जाने वाली सहायता राशि को 20 लाख रुपए से बढ़ाकर 25 लाख रुपए करने की घोषणा की थी।

मुख्यमंत्री बघेल की इस घोषणा के अनुपालन में राज्य शासन के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने उप मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव द्वारा अनुमोदन के बाद सहायता राशि 20 लाख रुपए से बढ़ाकर 25 लाख रुपए करने की प्रशासकीय मंजूरी का आदेश जारी कर दिया है।

योजना के बारे में यह है पूरी जानकारी

राज्य के नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने तथा दुर्लभ बीमारियों के इलाज में होने वाले व्यय से बचाने हेतु राज्य शासन द्वारा संजीवनी सहायता कोष का विस्तार करते हुये मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना प्रारंम्भ करने का निर्णय लिया गया है। इस योजना के अंतर्गत चिन्हित दुर्लभ बीमारियों के लिए राज्य के पात्र परिवारों को अधिकतम 25 लाख रूपए तक के इलाज की सुविधा प्रदान की जाएगी। छत्तीसगढ़ ऐसा पहला राज्य है, जो इतनी बड़ी राशि अपने राज्य के नागरिकों के इलाज हेतु प्रदान कर रहा है जिससे स्वस्थ एवं बेहतर छत्तीसगढ़ का निर्माण किया जा सके।

आवेदन के लिए पात्रता

प्राथमिकता एवं अंत्योदय राशन कार्डधारी परिवार (छत्तीसगढ़ सरकार की अद्यतन सूची अनुसार)

उपचार के लिए अधिकृत चिकित्सालय

मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजनांतर्गत् सहायता राज्य एवं राज्य के बाहर के पंजीकृत चिकित्सालय में उपचार कराने पर ही प्रदान की जावेगी। निम्नलिखित चिकित्सालयों को योजनांतर्गत पंजीकृत किया जावेगा।

1. राज्य एवं राज्य के बाहर के सभी सरकारी चिकित्सालय।
2. राज्य एवं राज्य के बाहर स्थित पंजीकृत निजी चिकित्सालय।
3. सी.जी.एच.एस. के अतंर्गत पंजीकृत चिकित्सालय।

बीमारियों के लिए सहायता

मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजनांतर्गत् सहायता राज्य एवं राज्य के बाहर के पंजीकृत चिकित्सालय में उपचार कराने पर ही प्रदान की जावेगी।

1. लिवर प्रत्यारोपण
2. किडनी प्रत्यारोपण
3. फेफडों का प्रत्यारोपण
4. हृदय व फेफडों प्रत्यारोपण
5. हृदय रोग
6. हीमोफीलिया (only with acute complications requires intensive care) एवं फैक्टर-8 एवं 9 (सर्जरी/ट्रॉमा/acute bleeding की स्थिति में) (जिनका इलाज राज्य की अन्य योजनाओं में उपलब्ध ना हो या राशि समाप्त हो चुकी हो)
7. कैंसर (जिनका इलाज राज्य की अन्य योजनाओ मे उपलब्ध ना हो या राशि समाप्त हो चुकी हो )
8. एप्लास्टिक अनीमिया (जिनका इलाज राज्य की अन्य योजनाओ मे उपलब्ध ना हो या राशि समाप्त हो चुकी हो )
9. कॉक्लीयर इम्प्लांट (7 साल तक के बच्चो के लिए) (मात्र शासकीय चिकित्सालय में उपचार हेतु)
10. एसिड अटैक विक्टिम्स (cosmetic procedures)(मात्र शासकीय चिकित्सालय में उपचार हेतु)
11. विभिन्न प्रकार के rare diseases (जिनका इलाज राज्य की अन्य योजनाओं में उपलब्ध ना हो) एवं उपचार हेतु प्राप्त आवेदन हेतु विशेष समिति द्वारा अनुशंसा अनिवार्य होगी।

उपरोक्त बीमारियों की सूची में राज्य शासन द्वारा उपरोक्त तकनीकी समिति की अनुषंसा से आवष्यकतानुसार संशोधन किया जा सकता है। उपरोक्त सूची में दर्ज चिकित्सा सेवाओं में से किसी भी सेवा हेतु शासकीय मेडिकल कॉलेज चिकित्सालयों से रेफरल अनिवार्य होगा। राज्य नोडल एजेंसी द्वारा समय-समय पर उपरोक्त सेवाओं को शासकीय संस्थाओं के लिए भी आरक्षित किया जा सकता है। अंग प्रत्यारोपण के प्रकरणों हेतु प्रत्यारोपण के संदर्भ में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार एवं शासन के अन्य नियमों अनुसार समस्त निर्धारित अनापत्ति/प्रमाण पत्र/दस्तावेज की उपलब्धता अनिवार्य होगी।(एएमएपी)