संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में उइगर मुसलमानों को बोलने से रोकने की कोशिश।
उइगर कांग्रेस अध्यक्ष डोल्कन ईसा ने कहा कि चीन सच्चाई और न्याय से बहुत डरता है। इसी कारण चीन ने उन्हें रोकने की कोशिश की और अलगाववादी तक कहा। ईसा ने कहा वे चीन से अलग होने की मांग नहीं कर रहे हैं। वे शंघाई या बीजिंग की मांग नहीं कर रहे हैं। उनका देश शिनजियांग एक अधिकृत क्षेत्र है और चीन को इसे स्वीकार करना चाहिए। डोल्कन ईसा ने कहा कि चीनी सरकार उइगरों के खिलाफ नरसंहार कर रही है। चीनी सरकार नहीं चाहती कि उइगर का मुद्दा, अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बने।
उइगर मुसलमानों से ही नहीं बलूचिस्तान से भी पाकिस्तान के साथ-साथ चीन के खिलाफ आवाज बुलंद हुई है। बलूच वॉयस एसोसिएशन के अध्यक्ष मुनीर मेंगल ने कहा कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा बलूच लोगों के लिए बड़ी चिंता का विषय रहा है। अरबों डॉलर की इस परियोजना को बलूच लोगों को उनकी जमीन से खत्म करने, उनके संसाधनों को लूटने और उनकी आवाज दबाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। बलूच लोग बड़े पैमाने पर विस्थापन, जबरन लापता होने और सैन्य अभियानों का सामना कर रहे हैं क्योंकि उन्हें व्यवस्थित रूप से उपेक्षित, दबाया और दमन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बलूचिस्तान में मानव अधिकारों के व्यवस्थित दुरुपयोग और अपने लोगों की बुनियादी स्वतंत्रता पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।(एएमएपी)