भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने नए विदेश मंत्री वांग यी के सामने चीन को खरी-खरी सुनाई। डोभाल ने साफ कहा कि आतंकवाद का खात्मा करने के लिए हर देश को आतंकवाद पर दोहरे मानक छोड़ने होंगे।दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक में भाग लेने आए वांग यी को हाल ही में चीन का विदेश मंत्री बनाया गया है। यी के सामने ही डोभाल ने चीन पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स समूह संयुक्त राष्ट्र की आतंकवादी विरोधी प्रतिबंध व्यवस्था के तहत आतंकवादियों और उनके प्रतिनिधियों को सूचीबद्ध करने में मिलकर काम सकता है। इस प्रक्रिया को राजनीति और दोहरे मानकों से दूर रखा जाना चाहिए। डोभाल की इस टिप्पणी को पाकिस्तान और चीन के रिश्तों से जोड़कर देखा जा रहा है। पाकिस्तान में संरक्षण पा रहे आतंकियों व आतंकी संगठनों को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने के संयुक्त राष्ट्र के प्रयासों में चीन ने बार-बार बाधा डाली है।

ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका को सहेजे ब्रिक्स समूह के बीच बातचीत के दौरान डोभाल ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ के आतंकवाद विरोधी प्रतिबंध व्यवस्था के आतंकियों और उनके प्रतिनिधियों को सूचीबद्ध करना एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें ब्रिक्स देश मिलकर काम कर सकते हैं। बिना किसी देश का नाम लिए हुए उन्होंने कहा कि ये महत्वपूर्ण है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रतिबंध कमेटी का निर्णय राजनीति और दोहरे मानकों से मुक्त हो।

उन्होंने कहा कि आतंकवाद राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए प्रमुख खतरों में से एक है। उन्होंने साथ ही इस बात भी जोर दिया कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान में आतंकवादी संगठन बेखौफ होकर काम कर रहे हैं। डोभाल ने भारत की वर्तमान जी-20 अध्यक्षता के लिए दक्षिण अफ्रीका के सहयोग की सराहना की। साथ ही इस वर्ष दक्षिण अफ्रीका की ब्रिक्स अध्यक्षता के लिए भारत के निरंतर समर्थन का आश्वासन दिया।(एएमएपी)