एक दिन में आएंगे 3.7 करोड़ मामले।
रिपोर्ट के अनुसार, 20 दिसंबर को 37 लाख लोग पॉजिटिव हुए थे, जबकि चीन में आधिकारिक रूप से बताया था कि उस दिन सिर्फ 3,049 केस आए थे। अगर एक दिन में 3.7 करोड़ केस आने का अनुमान सही है तो यह इस साल जनवरी में आए एक दिन में सबसे ज्यादा 40 लाख केसों का रिकॉर्ड तोड़ देंगे।
तीन महीने में तीन लहरों की आशंका
चीन के महामारी विशेषज्ञ वू जुन्यो ने अगले तीन महीने में तीन लहरों के आने की आशंका जताई है। उन्होंने दावा किया कि चीन अभी पहली लहर का सामना कर रहा है और इसका पीक मिड-जनवरी में आ सकता है। उन्होंने कहा कि 21 जनवरी से चीन का लूनर न्यू ईयर के दौरान लोग ट्रैवल करेंगे, जिस कारण दूसरी लहर शुरू होगी। जनवरी के आखिर से दूसरी लहर शुरू हो सकती है जो मिड-फरवरी तक चलेगी।
वहीं तीसरी लहर फरवरी के आखिर से शुरू हो सकती है। हॉलीडे के बाद लोग फिर से ट्रैवल करेंगे और इस कारण तीसरी लहर शुरू हो सकती है। तीसरी लहर फरवरी के आखिर से मिड-मार्च तक चल सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि तीन लहरें तो आ सकती हैं, लेकिन इस दौरान संक्रमण के मामलों में कमी आने की आशंका कम है। उनका दावा है कि लहरों के बीच में भी संक्रमण बढ़ता रहेगा।
चीन में बढ़ी ऑक्सीमीटर की मांग
चीन में कोविड के केस बढ़ने के साथ ही ऑक्सीमीटर की मांग भी बढ़ गई है। चिकित्सा उपकरण फर्मों के कई कर्मचारियों ने शुक्रवार को ग्लोबल टाइम्स को बताया कि चीन में ऑक्सीमीटर के ऑर्डर बढ़ गए हैं। हालात ये हो गए हैं कि मांगों को पूरा करने के लिए व्यापारी ओवरटाइम काम कर रहे हैं। ऑनलाइन Baidu इंडेक्स के मुताबिक दिसंबर में ऑक्सीमीटर के लिए मांग हर दिन औसतन 8,956 तक पहुंच गई, जो पिछले महीने की तुलना में 47 प्रतिशत की वृद्धि है।
कब्रिस्तानों में 20 दिन की वेटिंग
एक ओर जहां चीन के हालात देखकर दुनियाभर के देशों की चिंता बढ़ गई है, वहीं चीन दावा कर रहा है कि 22 दिसंबर को उसके देश में सिर्फ 4,000 मामले ही सामने आए थे, जबकि लगातार तीसरे दिन कोविड से किसी की मौत नहीं हुई है। वहीं लंदन की ग्लोबल हेल्थ इंटेलिजेंस कंपनी एयरफिनिटी के मुताबिक चीन में रोजाना 10 लाख केस आ रहे हैं और 5 हजार मौतें हो रही हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो के मुताबिक चीन के अस्पतालों में बेड कम पड़ रहे हैं, दवाओं की किल्लत होने लगी है, श्मशान घाटों पर सामूहिक अंतिम संस्कार किए जा रहे हैं, कब्रिस्तानों में 20 दिन की वेटिंग हो गई है। एक्सपर्ट्स के अनुसार चीन में अगले हफ्ते के आखिर तक 2.5 करोड़ लोग कोरोना से संक्रमित होंगे, जबकि अगले साल तक वहां 10 लाख से ज्यादा मौतें हो सकती हैं।
चीन छिपा रहा मरीजों का डेटा!
चीन में कोरोना के बेकाबू हालात पर डब्लयूएचओ ने चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि चीन फिर से कोरोना की जानकारी छिपा सकता है। उसका कहना है कि चीन डेटा नहीं भेज रहा है। डेटा नहीं मिलने से ताजा स्थिति का अनुमान लगाना मुश्किल हो रहा है, जिससे संक्रमण को बढ़ने से रोकने में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक चीन ने सात दिसंबर को जीरो कोविड पॉलिसी खत्म कर दी थी। इसके बाद से चीन की ओर से डब्ल्यूएचओ को कोई डेटा नहीं भेजा गया है।
चीन के लोगों में हर्ड इम्यूनिटी की कमी
चीन में शुरुआत से ही सख्त नियम लगाए गए। इस वजह से वहां लोगों में नेचुरल इन्फेक्शन कम रहा और उनमें ना के बराबर हर्ड इम्यूनिटी पैदा हुई। इसीलिए बीएफ।7 वेरिएंट की चपेट में आने से वहां लोग तेजी से संक्रमित हो रहे हैं। इसके अलावा चीन लोगों का टीकाकरण नहीं कर पाया। यहां तक कि वह बजुर्गों को बूस्टर डोज तक नहीं दे पाया।
चीन अब लगाई जाएगी जर्मनी की वैक्सीन
चीन पहली बार कोविड की विदेशी वैक्सीन लगाई लगाई जा रही है। यहां जर्मनी की बायोएनटेक कोविड-19 टीकों की पहली खेप भी चीन भेजी जा चुकी है। अभी यहां सबसे पहले यह वैक्सीन चीन में रह रहे जर्मन प्रवासियों को दी जाएगी। इसके बाद चीन के नागरिकों को यह वैक्सीन लगाई जाएगी।
चीन में 24 करोड़ 80 लाख लोग संक्रमित
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन में 1 से 20 दिसंबर के बीच कुल 24 करोड़ 80 लाख लोगों में कोविड का संक्रमण फैल चुका है। ये आंकड़ा मामूली नहीं है क्योंकि संक्रमण की ये दर 17.56 प्रतिशत बताई जा रही है। चीन में सिचुआन, हेनान और हुबेई प्रांत में 2 करोड़ से ज्यादा लोग संक्रमण हो चुके हैं। इसके अलावा चीन के हुनान, हेबेई, ग्वांगडॉन्ग, बीजिंग, अनहुई और शैनडॉन्ग प्रांतों में कोविड मरीजों की संख्या एक से दो करोड़ के बीच पहुंच चुकी है।
इसके अलावा बीजिंग, चेंगडू, वुहान, झेंगझोउ और चॉन्गकिंग, पांच शहर ऐसे हैं जहां कुल कोविड मरीजों की संख्या 50 लाख से अधिक होने की आशंका जताई जा रही है। बीजिंग और सिचुआन जैसे प्रांतों में पचास प्रतिशत से अधिक की दर से कोविड का संक्रमण फैल रहा है जबकि तियानजिन, हुबेई, हेनान, हुनान, अनहुई, गन्सू और हेबेई प्रांतों में 20 से पचास प्रतिशत की दर से लोगों के बीच कोविड का संक्रमण फैल रहा है। (एएमएपी)