अमेरिकी संसद को सौंपी पेंटागन की रिपोर्ट में दावा।

भारत और अमेरिका के बीच रिश्तों में गर्माहट चीन को रास नहीं आ रही है। एक अमेरिकी सुरक्षा रिपोर्ट से पता चला है कि भारत और चीन के बीच सीमा विवाद के दौर में चीन ने अमेरिका को चेताया था कि अमेरिका भारत और चीन के रिश्तों में टांग न अड़ाए।अमेरिकी रक्षा मुख्यालय पेंटागन ने हाल ही में अमेरिकी संसद को एक रिपोर्ट सौंपी है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन हर हाल में भारत को अमेरिका के नजदीक आने से रोकना चाहता है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वर्ष 2021 में चीन ने भारतीय सीमा पर अवैध रूप से सेना की तैनाती की और बुनियादी ढांचे का निर्माण जारी रखा। चीन ने भारतीय बुनियादी ढांचे के निर्माण पर गतिरोध को दोषी ठहराया, जिसे उसने चीनी क्षेत्र पर अतिक्रमण के रूप में माना, जबकि भारत ने चीन पर भारत के क्षेत्र में आक्रामक घुसपैठ शुरू करने का आरोप लगाया। इसी विवाद के बीच चीन ने अमेरिकी अधिकारियों को चेतावनी दी थी। चीनी सैन्य अधिकारियों ने अमेरिकी अधिकारियों से कहा था कि वे भारत के साथ चीन के संबंधों में हस्तक्षेप न करें।

अमेरिकी रक्षा मंत्रालय की इस रिपोर्ट में चीन-भारत सीमा पर पूरा एक हिस्सा शामिल किया गया है। उस हिस्से में कहा गया है कि वर्ष 2021 में चीन ने भारत-चीन सीमा पर सुरक्षा बलों की तैनाती बनाए रखी और बुनियादी ढांचे का निर्माण भी किया। रिपोर्ट का दावा है कि दोनों देशों के बीच वार्ता में भी न्यूनतम प्रगति हुई है। रिपोर्ट में 2020 की गलवान घाटी की घटना को पिछले 46 वर्षों में दोनों देशों के बीच सबसे घातक संघर्ष करार दिया गया है। बताया गया है कि 15 जून, 2020 को गलवान घाटी में गश्ती दल हिंसक रूप से भिड़ गए, जिसके परिणामस्वरूप लगभग बीस भारतीय सैनिक और चार चीनी सैनिक मारे गए। दावा किया गया है कि कुछ भारतीय और चीनी सैनिक एक महत्वपूर्ण घर्षण बिंदु से पीछे हट गए हैं, लेकिन दोनों देशों के बीच तनाव बना हुआ है। (एएमएपी)