लोकसभा चुनाव की तारीख घोषित होने में कुछ ही दिन शेष हैं, लेकिन अब-तक बिहार के दोनों गठबंधनों में सीट बंटवारे और उम्मीदवारों के चयन का मामला सुलझ नहीं पाया है। राज्य में 40 सीटें हैं। इनमें 17-17 सीटें पिछले चुनाव में एनडीए के तहत भाजपा-जदयू तथा छह लोजपा को दी गयी थीं। इस बार एनडीए में पिछले साल से ज्यादा दल जुड़ गये हैं। ऐसे में इस बार सीट बंटवारे की क्या कसौटी होगी, इस पर अब भी मंथन जारी है। सीट बंटवारे को लेकर बिहार में महागठबंधन और एनडीए का हाल एक जैसा है। अभी तक दोनों ही सीटों का बंटवारे नहीं कर पाए है। माना जा रहा है कि बीजेपी-जदयू के बीच सीटों की अदला-बदली हो सकती है।

महागठबंधन और एनडीए दोनों में उलझा पेंच

एनडीए में भाजपा प्रमुख दल है, जिसमें कई उम्रदराज दिग्गजों के टिकट कटने का भी खतरा है। वहीं, कौन नये चेहरे सामने आएंगे, इसपर निर्णय होना अभी बाकी है। उम्मीदवारों को लेकर भाजपा की आठ मार्च को दिल्ली में महत्वपूर्ण बैठक होनी है। माना जा रहा है कि इसके बाद ही इस पर कोई अंतिम निर्णय हो सकेगा। इधर, यही हाल इंडिया गठबंधन के घटकदलों का है। इस गठबंधन में राजद प्रमुख दल हैं। इसमें कांग्रेस और तीनों वामदल भी शामिल हैं। इनके बीच भी सीट बंटवारे पर अंतिम फैसला अभी तक नहीं हुआ है। सबके अलग-अलग दावे हैं, पर साझा कोई फैसला नहीं हो सका है।

बिहार में एनडीए का स्वरूप बदला

दरअसल, बिहार में एनडीए का स्वरूप हाल में ही बदला है। इसके पहले तक भाजपा के साथ लोजपा (आर), रालोजपा, रालोमो व हम थी। राज्य में बदले राजनीतिक स्वरूप में अब एनडीए में फिर से जदयू में आ गया है। ऐसे में उम्मीदवारों के चयन को लेकर पूर्व में भाजपा ने जो फॉर्मूला तय किया था, उस पर नये सिरे से शीर्ष नेताओं का मंथन चल रहा है। माना जा रहा है कि इस बार जदयू व भाजपा के बीच कुछ सीटों की अदला-बदली भी हो सकती है। जदयू का एनडीए का हिस्सा बनने के पहले जहां भाजपा दो दर्जन से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में थी, उस पर विराम लग गया है। वहीं, मौजूदा सांसदों में से आधे से अधिक के टिकट काटे जाने की चर्चा है।

भाजपा प्रभारी ने की हरेक पर्यवेक्षक से एक-एक कर बात

मंगलवार को बिहार भाजपा प्रभारी विनोद तावड़े ने हरेक पर्यवेक्षक से एक-एक कर बात की। हरेक लोकसभा क्षेत्र के लिए मनोनीत पर्यवेक्षकों ने पांच-छह संभावित नाम सौंपे। इन्हीं नामों से पार्टी 3-3 उम्मीदवारों का चयन करेगी। इन नामों की सूची केंद्रीय चुनाव समिति को जाएगी। वहीं, बिहार के महागठबंधन में भी उम्मीदवारों पर फैसला नहीं हो सका है।

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युवा चेहरों को मौका देने के मूड में राजद

घटक दलों में लोकसभा  चुनाव में टिकट पाने को कई विधायक, पूर्व विधायक व पूर्व सांसद दौड़ में हैं। इस बार राजद युवा चेहरों को आगे करने को प्रयासरत है। शीर्ष नेता युवाओं की चुनाव में भागीदारी बढ़ाने का एलान कर चुके हैं। राजद करीब 20 व कांग्रेस 12 सीटों पर प्रत्याशी उतार सकता है। अन्य सीटें वामदलों के खाते में जा सकती हैं।(एएमएपी)