उच्चतम न्यायालय के आदेश पर वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर स्थित सील वजूखाने की सफाई जिलाधिकारी एस. राजलिंगम की देखरेख में शनिवार से शुरू हो गई है । वजूखाने से मृत मछलियों को बाहर निकालकर अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव एसएम यासीन को सौंप दी जा रही हैं।
नगर निगम ने 26 सफाईकर्मियों की लगाई गई टीम
उल्लेखनीय है कि वजूखाने की सफाई के लिए नगर निगम ने 26 सफाईकर्मियों की टीम लगाई है। इसके अलावा मत्स्य विभाग और जलकल की टीम भी लगी है। यह टीम मजिस्ट्रेट की निगरानी में वजूखाने की सफाई का काम कर रही है। वजूखाना का पूरा पानी पंप के सहारे बाहर निकाला जाएगा। इसके बाद उसकी काई और गंदगी को साफ कर उसमें चूने का छिड़काव किया जाएगा।
पुलिस और पीएसी के जवान तैनात
इस संबंध में जिला प्रशासन की ओर से दी गई अभी प्रारंभिक जानकारी में बताया गया है कि वजूखाने की सफाई का काम दो से ढाई घंटे में पूरा कर लिया जाएगा। वहीं, सुरक्षा व यातायात व्यवस्था के मद्देनजर श्री काशी विश्वनाथ धाम के गेट नंबर चार के बाहर स्थानीय पुलिस, ट्रैफिक पुलिस और पीएसी के जवान तैनात किए गए हैं। ज्ञानवापी में मां श्रृंगार गौरी केस के वादी पक्ष और मसाजिद कमेटी के दो-दो प्रतिनिधियों को मौजूद रहने की इजाजत जिला प्रशासन की ओर से दी गई है।
राम जन्मभूमि के लिये एक सो इकसठ वर्ष चला संघर्ष, बलिदान का रहा सबसे लंबा इतिहास
आपको बतादें कि अयोध्या में भगवान श्रीराम के जन्म स्थान की तरह ही काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में बनी ज्ञानवापी मस्जिद पर हिन्दू सनातनियों ने अपना दावा प्रस्तुत किया है। उन्हें साक्ष्यों के आधार पर उम्मीद है कि न्यायालय में उनके साथ न्याय होगा और उन्हें मंदिर का यह परिसर जिसे औरंगजेब ने जबरन तोड़ कर मस्जिद में बदल दिया था, उन्हें अवश्य ही मिल जाएगा। फिलहाल हिन्दू समाज की इस दिशा में चल रही लम्बी लड़ाई का यह परिणाम है कि ज्ञानवापी परिसर के सील वजूखाने की सफाई आरंभ हो गई है।(एएमएपी)