मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि मराठा आंदोलन भटक रहा है। इसलिए मराठा आरक्षण के लिए भूख हड़ताल कर रहे मनोज जारांगे पाटिल को इस पर ध्यान देना चाहिए। मराठा आंदोलकों की ओर से हो रही हिंसक घटनाओं के पीछे कौन हैं, आत्महत्याएं क्यों हो रही हैं, मनोज जारांगे को इस बारे में सोचना चाहिए। सीएम शिंदे ने कहा कि राज्य सरकार मराठा आरक्षण देने के लिए हर संभव काम कर रही है, इसलिए सरकार को थोड़ा वक्त देना चाहिए।
In Yavatmal, Maharashtra CM Eknath Shinde says, “The Maratha community needs to exercise some patience. Don’t take an extreme stance, don’t take extreme steps, I requested Manoj Jarange through you – a positive decision will be made. You will get reservation, you will get one… pic.twitter.com/viPaC4PInc
— ANI (@ANI) October 30, 2023
मुख्यमंत्री ने सोमवार को मराठा आरक्षण के मुद्दे पर सह्याद्री गेस्ट हाउस में बैठक बुलाई। इस बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने पत्रकारों को बताया कि पूर्व न्यायाधीश संदीप शिंदे के नेतृत्व में गठित की गई समिति ने आज अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इस रिपोर्ट को मंगलवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में स्वीकृत किया जाएगा। समिति ने अब तक मराठा परिवारों के एक करोड़ 72 हजार कागजों की जांच की है, इनमें 11 हजार 530 कागजों पर कुनबी का उल्लेख पाया गया है। कागजों की जांच आगे भी जारी रहेगी।
उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में क्युरेटिव पेटिशन के लिए राज्य सरकार ने तीन जजों की समिति गठित की है। राज्य सरकार मराठा समाज को कानूनन टिकाऊ आरक्षण देने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रही है। इसलिए मराठा समाज को सरकार पर भरोसा रखना चाहिए। मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि पिछली बार आन्दोलन के समय मराठा समुदाय ने 58 मूक मार्च निकाले थे। वे सभी मार्च बहुत शांतिपूर्ण तरीके से निकाले गए। मोर्चे में लाखों की संख्या थी, लेकिन राज्य में शांति और कानून व्यवस्था को कोई ख़तरा नहीं हुआ, लेकिन दुर्भाग्य से आज कुछ जगहों पर आगजनी हो रही है।
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मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि मराठा आरक्षण के लिए भूख हड़ताल कर रहे मनोज जारांगे पाटिल को इस पर ध्यान देना चाहिए। मराठा समाज को सतर्क रहना चाहिए और इस पर ध्यान देना चाहिए कि इस हिंसक आंदोलन के पीछे कौन है? साथ ही मनोज जारांगे पाटिल को अपना ख्याल रखना चाहिए, चिकित्सा उपचार लेना चाहिए। सरकार जारांगे पाटिल के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित है। (एएमएपी)