भारतीय पटरियों पर दौड़ रहीं वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों का रंग बदलने के लिए तैयार है। खबर है कि 19 अक्टूबर यानी शनिवार को नई केसरी रंग में रंगी वंदे भारत एक्सप्रेस नजर आने वाली हैं। चेन्नई के इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में ही इनका निर्माण हुआ है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव पहले ही वंदे भारत एक्सप्रेस के इस नए रंग के बारे में बता चुके थे। साथ ही उन्होंने जानकारी दी थी कि यह ‘तिरंगे’ पर आधारित होगा।

रंग के साथ और भी होंगे बदलाव

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 8 कोच वाली नई वंदे भारत ट्रेन का बाहरी रूप केसरी रंग का होगा। साथ ही इसकी सीट से लेकर टॉयलेट की लाइट्स में भी काफी बदलाव किए गए हैं। खबर है कि यात्रियों के लिए रेक्लाइन चेयर पर सफर और भी आरामदायक होगा, बेहतर चार्जिंग व्यवस्था मिलेगी।  वहीं, एग्जीक्यूटिव क्लास में सफर करने वालों को बेहतर फुटरेस्ट मिलेंगे। विशेष जरूरतों वाले यात्रियों के लिए नए वंदे भारत ट्रेन में व्हीलचेयर के लिए फिक्सिंग पॉइंट्स होंगे। इनके अलावा यात्रियों को किताब पढ़ने के लिए टच सेंसेटिव रीडिंग लाइट, पानी बाहर फैलने से बचाने के लिए वॉशबेसिन में सुधार जैसे कई बदलाव भी शामिल हैं।

क्यों सफेद हैं वंदे भारत एक्सप्रेस?

दल में शामिल इंजीनियर मनीष प्रधान बताते हैं कि भारतीय रेल कभी भी सफेद नहीं रहीं, क्योंकि भारत में हम सोचते हैं कि कुछ भी सफेद जल्दी गंदा नजर आता है। उन्होंने कहा कि इसलिए हमने तय किया कि हमारी ट्रेनें सफेद होंगी और गंदी भी नहीं लगेंगी। यूनिट के प्रिंसिपल चीफ मैकेनिकल इंजीनियर शुभ्रांशु ने बताया कि हमने सफेद और नीले से पहले लाल और काला, क्रीम और लाल की भी कोशिश की। उन्होंने कहा कि हमने इसे ट्रेन नहीं लग्जरी कार की तरह पेंट किया है। इसमें पेंट की 6 कोटिंग हैं और सबसे आखिरी ट्रांसपेरेंट कोट है, जो धूल को नहीं जमने देता।

वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों का लेखा जोखा

अब तक भारत के पास वंदे भारत ट्रेनों के 25 पेयर हैं। इनमें से 18 साल 2023 में ही लॉन्च किए गए हैं। 15 फरवरी 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली वंदे एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई थी। इधर, साल 1955 से शुरू होने वाली इंटीग्रल कोच फैक्ट्री 70 हजार से ज्यादा कोच तैयार कर चुकी है। यह उपलब्धि अक्टबर 2022 के दूसरे सप्ताह में हासिल की।(एएमएपी)