संसदीय कार्य मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि जी-20 देशों की मीटिंग के बाद ही विशेष सत्र का एजेंडा तय किया जाएगा। लेकिन अब समिति के गठन के बाद यह कयास और तेज हो गए हैं कि विशेष सत्र ‘एक देश एक चुनाव’ पर चर्चा के लिए ही बुलाया गया है। लेकिन एक सवाल यह भी है कि क्या ‘एक देश एक चुनाव’ पर बनाई गई समिति 15 दिनों में ही अपनी रिपोर्ट सौंप देगी, जिस पर संसद में चर्चा हो पाए। ऐसे में संसद के विशेष सेशन को लेकर अब भी कयास ही चल रहे हैं।
बीते कुछ सालों में पीएम नरेंद्र मोदी कई बार लोकसभा चुनाव और राज्यों के विधानसभा चुनावों को साथ कराए जाने का सुझाव दे चुके हैं। इसी संबंध में अब पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में समिति बनाई गई है, जो एक साथ चुनावों के संबंध में विचार करेगी। दरअसल इसी साल नवंबर और दिसंबर तक 5 राज्यों में चुनाव होने हैं। कयास यह भी लग रहे हैं कि यदि वन नेशन, वन इलेक्शन पर मुहर लगती है तो फिर ये चुनाव भी टाले जा सकते हैं और शायद यह भी लोकसभा इलेक्शन के साथ ही हों। एक चर्चा यह भी है कि इस बार लोकसभा के चुनाव ही कुछ महीने पहले कराए जा सकते हैं।(एएमएपी)



