देश की समग्र सुरक्षा की समीक्षा करने के साथ चुनौतियों का आकलन किया जायेगा
कर्नल सुधीर चमोली ने बताया कि यह सम्मेलन भारतीय सेना के शीर्ष नेतृत्व के लिए वैचारिक मुद्दों पर विचार-मंथन करने, समीक्षा करने और समग्र सुरक्षा स्थिति का आकलन करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करेगा। यह सम्मेलन भविष्य की दिशा के लिए महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णयों को लागू करने वाली प्रमुख प्राथमिकताओं को निर्धारित करेगा। हाइब्रिड मोड में 28 मार्च से शुरू होने वाले सम्मेलन की अध्यक्षता नई दिल्ली में थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे करेंगे, जिसमें सेना कमांडर अपने-अपने कमांड मुख्यालय से वर्चुअल मोड में भाग लेंगे।
सम्मेलन में उभरते भू-राजनीतिक परिदृश्य और राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रभाव पर प्रतिष्ठित विषय विशेषज्ञों की बातचीत भी होगी। 01 अप्रैल को फिजिकल मोड में सम्मेलन के दौरान सेना का शीर्ष नेतृत्व गहन विचार-मंथन सत्र में शामिल होगा। इन सत्रों में सेना की परिचालन प्रभावशीलता को बढ़ाने और भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयारी सुनिश्चित करने के लिए प्रशिक्षण और विकास कार्यक्रमों पर फोकस किया जायेगा। विचार-मंथन सत्र में सैनिकों और उनके परिवारों के लिए जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने के उद्देश्य से सेवा कर्मियों के कल्याण से संबंधित मुद्दे भी शामिल होंगे।
भाजपा का पंजाब में अकाली दल से नहीं होगा गठबंधन, अकेले लड़ेगी लोकसभा चुनाव
इसके बाद सीओएएस की अध्यक्षता में आर्मी ग्रुप इंश्योरेंस की निवेश सलाहकार समिति की बैठक होगी, जिसमें वित्तीय प्रबंधन के क्षेत्र के कई विशेषज्ञ भाग लेंगे। यह समिति सेवारत सैनिकों, पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों की वित्तीय सुरक्षा के लिए विभिन्न कल्याणकारी उपायों और योजनाओं पर विचार-विमर्श करेगी। उन्होंने बताया कि 02 अप्रैल को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मुख्य भाषण देंगे। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी भी सम्मेलन को संबोधित करेंगे। इसके अलावा रक्षा सचिव और रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल होंगे।(एएमएपी)