डॉ. संतोष कुमार तिवारी ।
महिला-वेश्याएं होती हैं – यह तो सभी जानते हैं; परंतु पुरुष भी वेश्यावृत्ति करते हैं – ऐसा अनुभव मुझे वर्ष 1982 में इंग्लैंड में हुआ।
मेरा वहां की संसद भवन के पास चेरिंग क्रॉस नामक एक ट्यूब स्टेशन (मेट्रो स्टेशन) से लगभग रोज ही गुजरना होता था। कभी-कभी मुझे लौटने में शाम को देर हो जाती थी। तब उस भीड़भाड़ वाले स्टेशन पर सन्नाटा सा हो जाता था। उस सन्नाटे में मैं देखता था कि दो चार लड़के वहाँ प्लेटफार्म पर बैठे रहते थे। उनके बाल लाल नीले और पीले रंग से रंगे होते थे। एक दिन मैं देर शाम वहां ट्रेन का इंतजार कर रहा था। तभी उनमें से एक लड़का मेरे पास आया और बोला “वुड यू लाइक टु फ*** मी?” अर्थात क्या आप मेरे साथ सेक्स करेंगे? उसकी बात सुनकर मैं तो कांप ही गया था और समझ में नहीं आ रहा था कि भाग कर कहां जाऊं? तभी मेरी ट्रेन आ गई और मैं उस पर चढ़ गया। उस समय मेरी उम्र कम थी।
चेरिंग क्रास से क्यों गुजरता था
वर्ष 1982 में ब्रिटेन की टॉमसन फाउंडेशन ने पत्रकारिता में प्रशिक्षण के लिए मुझे एक फेलोशिप दी थी। वहां अपने हॉस्टल से कॉलेज आने जाने के लिए चेरिंग क्रॉस ट्यूब स्टेशन से मुझे गुजरना होता था।
दूसरी घटना
कुछ दिन बाद उस चेरिंग क्रास ट्यूब स्टेशन एक शाम मैंने देखा कि उसी तरह के रंग बिरंगे बालों वाला एक लड़का वहाँ खड़ी एक संभ्रांत उम्रदार महिला के पास आया। उसने उस महिला से धीरे से कुछ कहा। क्या कहा – यह मैं सुन नहीं पाया। पर महिला ने क्या कहा यह मुझे सुनाई दिया। महिला बोली: “कम आन विद मी। आई नीड यू।“ अर्थात मेरे साथ चलो, मुझे तुम्हारी जरूरत है। और फिर वे दोनों एक साथ चले गए।
चेरिंग क्रॉस है लंदन का मुख्य स्थान
देर शाम को हो रही इस वेश्यावृत्ति को छोड़ दें, तो चेरिंग क्रॉस ट्यूब स्टेशन की सबसे खास बात यह है कि लंदन के तमाम दर्शनीय स्थान यहाँ से पैदल जाने में मात्र दस से बीस मिनट लगते हैं।
चेरिंग क्रॉस ट्यूब स्टेशन के ठीक सामने ट्राफेलगर स्क्वायर है। जहां सारे दिन सैलानियों की भीड़ लगी रहती है। वहाँ लोग कबूतरों को दाना डाला करते हैं। ट्राफेलगर स्क्वायर से दाईं ओर जाएँ तो इंडिया हाउस है, जहां भारतीय उच्चायोग है। चेरिंग क्रॉस ट्यूब स्टेशन से अगर बाईं ओर जाएँ, तो ब्रिटिश संसद है और दुनिया भर में मशहूर घड़ी ‘बिग बेन’ है। 170 वर्षों से अधिक पुरानी इस घड़ी की पिछले तीन सालों से मरम्मत चल रही है और इस पर कई लाख पौंड खर्च आ रहा है।
टेम्स नदी के किनारे स्फिंक्स की मूर्ति
चेरिंग क्रॉस ट्यूब स्टेशन के अगर पीछे जाएँ तो टेम्स नदी बहती है। नदी के किनारे एक स्फिंक्स की मूर्ति लगी है जिसका मुंह और धड़ एक औरत जैसा है और बाकी शरीर शेर जैसा है। लगभग 70 फीट ऊंची और सवा दो सौ टन वजन वाली यह मूर्ति कांसे की धातु से बनी है। मिस्र की सरकार ने इसे वर्ष 1819 में ब्रिटिश गवर्नमेंट को भेंट की थी। इतनी वजनदर मूर्ति को लाने में ट्रांसपोर्ट की लागत इतनी अधिक थी कि यह कई वर्षों तक मिस्र में ही पड़ी रही। फिर वर्ष 1877 में एक ब्रिटिश डाक्टर ने इसके ट्रांसपोर्ट का खर्च उठाया, तो यह लंदन लायी गई।
मैं वर्ष 1982 में जब टेम्स के किनारे टहलने जाता था, तो इस स्फिंक्स को देखता था। इसके सामने मैंने फोटो भी खिंचवायी। कुछ वर्षों बाद मुझे ब्रिटिश सरकार की एक फ़ेलोशिप मिली, वहाँ के कार्डिफ विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में पीएच. डी. करने के लिए। तब मेरा वहाँ लम्बे समय तक रहना हुआ। अक्तूबर 1989 से फरवरी 1993 तक। इस दौरान मैं फिर टेम्स के किनारे उस स्फिंक्स को देखने गया, तो मैंने देखा कि उस पर कुछ बहुत छोटे-छोटे से छेद हो गए हैं। पहले तो मैं यह समझा कि समय के साथ-साथ इस विशालकाय मूर्ति का भी क्षरण हो रहा है।
परन्तु बात ऐसी न थी। मैंने देखा कि मूर्ति की आधार चौकी पर एक छोटी सी पट्टिका लगी हुई है, जिस पर लिखा था कि प्रथम विश्व युद्ध के दौरान जर्मन हवाई जहाजों से हुई बम वर्ष में 4 सितम्बर 1917 की मध्य रात्रि से कुछ पहले एक बम इस मूर्ति के पास गिरा था जिसकी चिंगारियां मूर्ति पर भी गिरीं और उसे नुकसान पहुंचा था। मूर्ति का दायाँ हाथ भी क्षतिग्रस्त हुआ था।
उस दौरान चेरिंग क्रास ट्यूब स्टेशन फिर जाना होता था। परन्तु अब वहाँ प्लेटफार्म पर पहले जैसी सफाई नहीं थी। कुछ कागज के टुकड़े प्लेटफार्म पर इधर उधर पड़े हुए थे। मुझे पता चल कि अब वहाँ से कूड़ा फेंकने की बड़ी टोकरियाँ हटा दी गईं हैं। कारण यह था कि आयरिश रिपब्लिकन आर्मी के आतंकवादी उसमें बम रख सकते थे।
चेरिंग क्रास पर वेश्यावृत्ति असंगठित है और ज्यादा नहीं है, जबकि लंदन के सोहो और पिकैडिली के इलाके संगठित वेश्यावृत्ति के लिए मशहूर हैं। ब्रिटेन में वेश्यालय खोलना एक अपराध है, जबकि स्वीडेन, सिंगापुर, आदि कुछ देशों में इस धन्धे को कानूनी तौर से मान्यता मिली हुई है।
( लेखक झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त प्रोफ़ेसर हैं)